शटलर सूर्या करिश्मा तमिरी बनीं राष्ट्रीय महिला एकल चैम्पियन

87वीं सीनियर राष्ट्रीय बैडमिंटन चैम्पियनशिप: पुरुष एकल में रित्विक संजीवी जीते

खेल-पथ संवाद

विजयवाड़ा। 87वीं सीनियर राष्ट्रीय बैडमिंटन चैम्पियनशिप में देशभर के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया, जिससे भारत में घरेलू बैडमिंटन प्रतिभा की गहराई एक बार फिर सामने आई। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में महिला एकल का खिताब सूर्या करिश्मा तमिरी ने जीतकर अपने करियर में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की। पुरुष एकल फाइनल में रित्विक संजीवी एस ने भरत राघव को सीधे गेमों में 21–16, 22–20 से हराकर खिताब जीता।

महिला एकल फाइनल में सूर्या करिश्मा तमिरी ने तन्वी पात्री को तीन गेमों के संघर्ष में 17–21, 21–12, 21–14 से हराया। पहला गेम हारने के बावजूद तमिरी ने शानदार नियंत्रण और आक्रामक खेल से वापसी की। कोर्ट कवरेज में सुधार और रणनीतिक बढ़त के बल पर उन्होंने बाकी दो गेमों में बढ़त बनाकर खिताब अपने नाम किया। यह जीत उनके सीनियर करियर की अब तक की सबसे बड़ी सफलता मानी जा रही है।

पुरुष एकल फाइनल में रित्विक संजीवी एस ने भरत राघव को सीधे गेमों में 21–16, 22–20 से हराकर खिताब जीता। पूरे मैच में उन्होंने दबाव को बखूबी संभाला और निर्णायक क्षणों में धैर्य बनाए रखा। यह जीत उन्हें आगामी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्थान दिलाने में सहायक हो सकती है।

युगल मुकाबलों में अनुभवी और नए विजेताः पुरुष युगल खिताब ए. हरिहरन और रुबन कुमार की जोड़ी ने जीता, जिन्होंने मिथिलेश कृष्णन और प्रेजन को 24–22, 21–17 से हराया। महिला युगल में पूर्व विजेता शिखा गौतम और अश्विनी भट के ने एक बार फिर अपनी श्रेष्ठता साबित करते हुए प्रिया देवी कोंजेंगबान और श्रुति मिश्रा को 21–14, 21–18 से पराजित किया।

मिक्स्ड डबल्स: सत्विक रेड्डी और राधिका शर्मा का दबदबाः मिक्स्ड डबल्स फाइनल में सात्विक रेड्डी के और राधिका शर्मा की जोड़ी ने आशीष सूर्या और अमृता पी को 21–9, 21–15 से हराकर खिताब पर कब्जा किया। इस मुकाबले में रेड्डी-शर्मा की जोड़ी ने पूरी तरह से नियंत्रण बनाए रखा और अपने खेल से दर्शकों को प्रभावित किया।

सीनियर राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप भारत की सबसे प्रतिष्ठित घरेलू बैडमिंटन प्रतियोगिता है। सभी मुकाबले बेस्ट ऑफ थ्री गेम्स (तीन गेमों में से सर्वश्रेष्ठ दो) के फॉर्मेट में खेले जाते हैं। राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में जीत अक्सर अंतरराष्ट्रीय चयन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होती है। इस वर्ष की चैम्पियनशिप ने न केवल स्थापित खिलाड़ियों को बल्कि उभरती हुई प्रतिभाओं को भी मंच प्रदान किया। सूर्या करिश्मा तमिरी जैसी युवा खिलाड़ी की जीत से यह स्पष्ट होता है कि भारत में बैडमिंटन का भविष्य उज्ज्वल है और घरेलू स्तर पर प्रतिस्पर्धा लगातार सशक्त हो रही है।

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