अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति ने फिर खोला खजाना

खिलाड़ी विकास कार्यक्रमों के लिए रुके रुपये 15 करोड़ का अनुदान बहाल
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के अंदरूनी विवाद और प्रशासनिक अड़चनें दूर होने के बाद अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) ने बड़ा फैसला लिया है। आईओसी ने ओलम्पिक सॉलिडेरिटी प्रोग्राम के तहत आईओए को दिया जाने वाला वित्त पोषण दोबारा शुरू करने की घोषणा की है। पिछले साल यह फंडिंग रोक दी गई थी।
आईओए में सीईओ रघुराम अय्यर की नियुक्ति को लेकर खींचतान चल रही थी, लेकिन खेल मंत्री मनसुख मांडविया के हस्तक्षेप के बाद आईओए अध्यक्ष पीटी ऊषा और कार्यकारी परिषद के असंतुष्ट सदस्यों के बीच समझौता हो गया। इसके बाद 24 जुलाई को अय्यर की नियुक्ति को औपचारिक मंजूरी दी गई और 13 अगस्त को आयोजित आम सभा में लम्बित रिपोर्टें और वित्तीय ऑडिट भी पास किए गए।
आईओसी के निदेशक जेम्स मैकलियोड ने पीटी उषा को लिखे पत्र में कहा कि आईओए ने हाल के हफ्तों में जो सुधारात्मक कदम उठाए हैं, उनसे पारदर्शिता और एकता का माहौल बना है। इसी आधार पर आईओसी ने भारत के लिए फंडिंग बहाल करने का फैसला लिया है। मैकलियोड ने उम्मीद जताई कि भारत में प्रस्तावित राष्ट्रीय खेल प्रशासन अधिनियम खेल संगठनों में सुशासन को और मजबूत करेगा और ओलम्पिक चार्टर की भावना को आगे बढ़ाएगा।
आईओसी का यह कदम न सिर्फ आईओए के लिए बड़ी राहत है, बल्कि उन खिलाड़ियों के लिए भी उत्साहजनक है जिनके विकास कार्यक्रमों पर पिछले एक साल से रोक लगी हुई थी। अब अनुदान बहाल होने के बाद प्रशिक्षण और संसाधनों की उपलब्धता बेहतर होगी।