बीडब्ल्यूएफ विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने की खुशी

चिराग शेट्टी बोले इस पदक ने ओलम्पिक की भरपाई कर दी

खेलपथ संवाद

नई दिल्ली। भारतीय पुरुष युगल बैडमिंटन टीम के सदस्य चिराग शेट्टी ने कहा कि हाल में पेरिस में विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीतने से एक साल पहले इसी शहर में ओलम्पिक खेलों में पोडियम तक नहीं पहुंच पाने की काफी हद तक भरपाई कर दी। चिराग और लम्बे समय से उनके साथी सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी ने पिछले सप्ताह विश्व चैम्पियनशिप में पुरुष युगल का कांस्य पदक जीता।

दुनिया की नौवें नम्बर की इस जोड़ी ने क्वार्टर फाइनल में मलेशिया के दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता आरोन चिया और सोह वूई यिक को हराकर विश्व चैम्पियनशिप में अपना दूसरा पदक हासिल किया। भारत की इस जोड़ी का पहली बार विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने का सपना सेमीफाइनल में चीन की 11वीं वरीयता प्राप्त चेन बो यांग और लियू यी की जोड़ी से हार के साथ टूट गया। चिराग ने कहा, 'मुझे लगता है कि आरोन और सोह के खिलाफ जीत निश्चित रूप से बहुत खास है। इससे यह सुनिश्चित हो गया कि अगर हम सही रणनीति के साथ खेलें तो हम किसी को भी हरा सकते हैं। हाल ही में उनके खिलाफ हमारा रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं रहा था। विशेष कर ओलम्पिक खेलों में जहां हमें उनके हाथों हार का सामना करना पड़ा था।'

उन्होंने कहा, 'इसलिए उन्हें लगातार गेम में हराने से निश्चित रूप से हमारा मनोबल बढ़ा और यह पिछले साल के ओलंपिक खेलों की एक तरह से भरपाई भी थी। हम ओलंपिक में उसी कोर्ट पर उनसे हार गए थे। इसलिए उनके खिलाफ जीत वास्तव में खास थी।' एक साल पहले सात्विक और चिराग को ओलंपिक में पदक से चूकने का दर्द सहना पड़ा था, जब मलेशियाई जोड़ी ने उनका अभियान बीच में ही रोक दिया था।

कांस्य पदक जीतने के साथ ही सात्विक और चिराग विश्व चैम्पियनशिप में एक से अधिक पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के क्लब में शामिल हो गए हैं। साइना नेहवाल ने विश्व चैम्पियनशिप में दो जबकि पीवी सिंधू ने पांच पदक जीते हैं। चिराग ने कहा, 'यह जानकर बहुत अच्छा लग रहा है कि साइना और सिंधू के साथ हम भी विश्व चैंपियनशिप में कई पदक जीतने वाले खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गए हैं। यह इसलिए मायने रखता है क्योंकि पिछले कुछ साल हमारे लिए कोर्ट के अंदर और बाहर अच्छे नहीं रहे थे।'

उन्होंने कहा, 'इस जीत से यह सुनिश्चित हो गया कि हम सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं।' सात्विक और चिराग के इस पदक के साथ ही 2011 से विश्व चैम्पियनशिप में भारत का पोडियम पर पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। चिराग ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। यह बड़ी उपलब्धि है। सभी को इस बार मुश्किल ड्रॉ मिले थे लेकिन हमारे सभी खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया।'

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