'खेल और खिलाड़ियों को समझना महत्वपूर्ण'

मानसिक अनुकूलन कोच पैडी अपटन ने बताया मूल मंत्र
खेलपथ संवाद
राजगीर। मशहूर मानसिक अनुकूलन कोच पैडी अपटन अपने मूल मंत्र के बारे में बताया है। अपटन का कहना है कि उनका एक ही मंत्र है, खेल और खिलाड़ियों की जरूरत को समझना। अपटन खेल में जाना-पहचाना चेहरा हैं और वह भारतीय क्रिकेट टीम के साथ भी समय बिता चुके हैं। अपटन 2011 वनडे विश्व कप के दौरान तत्कालीन मुख्य कोच गैरी कर्स्टन के सहयोगी स्टाफ का हिस्सा थे। वह फिलहाल हॉकी एशिया कप के लिए भारतीय पुरुष टीम के साथ जुड़े हुए हैं।
अपटन पेरिस ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम तथा पिछले वर्ष एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी और 2022 एशियाई खेलों की विजयी टीमों का भी हिस्सा थे। अपटन ने कहा, टीमवर्क के सिद्धांत लगभग एक जैसे हैं। हॉकी में एक अलग प्रकार का टीमवर्क होता है, जिसमें कई खिलाड़ियों को जुड़ना पड़ता है। क्रिकेट में भी टीमवर्क होता है, लेकिन यह अधिक व्यक्तिगत होता है। लेकिन ध्यान केंद्रित रखने के सिद्धांत, ध्यान भटकाने वाली चीजों का प्रबंधन करने के सिद्धांत जैसे स्कोरबोर्ड, प्रशंसक, विरोधी टीम, गलती करने का पछतावा, ये सब एक जैसे ही हैं।
अपटन का करियर मुख्य रूप से क्रिकेट के इर्द-गिर्द घूमता रहा। उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी टीम और आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स सहित दुनिया भर की कई टी-20 फ्रेंचाइजी के साथ काम किया है। उन्होंने हालांकि रग्बी और हाल ही में हॉकी जैसे अन्य खेलों में भी काम किया है। दक्षिण अफ्रीका के रहने वाले अपटन ने कहा, मुझे हॉकी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। मैं भारत का रहने वाला नहीं हूं और अब भी मैं यहां एक मेहमान हूं, इसलिए मेरा दृष्टिकोण वास्तव में सुनने, माहौल को समझने, खेल को समझने और प्रत्येक व्यक्ति को समझने पर ध्यान देने का है। जब मैं चीजों को समझ जाऊंगा तभी किसी तरह की मदद कर सकता हूं।
भारतीय हॉकी टीम के साथ काम करने के तरीके के बारे में पूछे जाने पर अपटन ने कहा, यह खिलाड़ियों से व्यक्तिगत और टीम सत्र दोनों तरह से होता है। हम टीम के साथ कार्यशालाएं आयोजित करते हैं और खिलाड़ियों के साथ व्यक्तिगत रूप से भी संपर्क करते हैं। यह आखिरकार कोच और कप्तान पर निर्भर करता है कि वे क्या चाहते हैं।