भाजपा नेताओं की सरपरस्ती में मछली से मगरमच्छ बना "शारिक"

शारिक मछली पर शिकंजा कसते ही भाजपा नेताओं की नींद उड़ी
(नितिन दुबे- 9630130003)
भोपाल। शारिक मछली, यह नाम सुनने में कोई छोटे-मोटे बदमाश,चैन स्नेचर या चरस गांजा बेचने वाले का लगता है,लेकिन राजधानी भोपाल का ये शारिक मछली कैसे मगरमच्छ बन गया जिसने 20 लड़कियों के अश्लील वीडियो बनाए, जिसके तार पीएफआई जैसी संस्था से जुड़े हैं, जो लव जिहाद कर रहा था, जो अवैध हथियारों का कारोबार चला रहा था, जो ड्रग्स तस्कर था, जो लड़कियों का यौन शोषण करता था और जबरन वसूली भी शारिक मछली का धंधा था, इतना ही नहीं चुनाव में नेताओं का सपोर्ट करना और विरोधी पक्ष को हथियार और धन के दम पर चुप कराना यह भी इसी शारिक मछली का काम था।
दरअसल शारिक मछली के परिवार ने 42 साल पहले तालाबों से अवैध रूप से मछली पकड़ने का काम शुरू किया इस मछली परिवार ने 1983 में सहकारी मछली पालन समिति बनाई। भोपाल के हथाई खेड़ा डैम पर सबसे पहले इस अपराधी परिवार ने कब्जा किया वैसे तो ठेका 10 साल के लिए दिया गया था, लेकिन यह काम निरंतर जारी रहा जबकि कलेक्टर ने इस मछली पालन समिति को अवैध घोषित कर दिया था, लेकिन नेताओं के फोन और उनकी सरपरस्ती के कारण शारिक मछली का यह अवैध कारोबार निरंतर जारी रहा।
इस अपराधी ने कोकत के अनंतपुरा इलाके में छह हजार स्क्वायर फीट की सरकारी जमीन पर कब्जा करके एक आलीशान कोठी भी बनाई जिसे हाल ही में सरकार ने बुलडोजर से गिराया। सवाल यही उठता है कि एक मछली पकड़ने वाला इतना बड़ा अपराधी कैसे बन गया? तो इसके पीछे की कहानी यह है कि भोपाल के भाजपा नेता ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर के भाजपा नेता भी शारिक मछली का सपोर्ट कर रहे थे। सबसे दुखद बात तो यह है कि शिवराज सिंह चौहान की सरकार में रहे कुछ मंत्री जो वर्तमान में भी मंत्री हैं, शारिक मछली के अजीज लोगों में शामिल हैं।
आपको ध्यान होगा भोपाल जिला पंचायत के चुनाव में भी शारिक मछली की बड़ी भूमिका थी क्योंकि भोपाल का हथाई खेड़ा डेम जो शारिक मछली के कब्जे में था वह भोपाल जिला पंचायत के अधीन आता है इसीलिए शारिक मछली अपनी मनपसंद का जिला पंचायत अध्यक्ष भी बनवाना चाहता था और हुआ भी वही। शारिक मछली ने हथियार पैसे के दम पर जिला पंचायत अध्यक्ष की उम्मीदवार रश्मि अवनीश भार्गव को चुनाव हरवाया और सदस्यों को अगवा किया उन्हें धन का लालच दिया और बंदूक से डराया, परिणाम यह निकला कि रश्मि अवनीश भार्गव चुनाव हार गईं जबकि रश्मि अवनीश भार्गव जीती हुईं उम्मीदवार मानी जा रहीं थीं लेकिन धनबल और बाहुबल ने उनको चुनाव हरवा दिया।
इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है कि हिन्दू लड़कियों के अश्लील वीडियो बनाने के मामले में जब क्राइम ब्रांच ने शारिक मछली पर शिकंजा कसा तो भाजपा नेताओं की नींद उड़ गई और भोपाल निवासी एक मंत्री ने पुलिस पर शारिक मछली को नहीं पकड़ने का दबाव बनाया, लेकिन कहानी आगे निकल चुकी थी। मानव अधिकार आयोग और अदालत का शिकंजा कसने के कारण शारिक मछली को कोई रोक नहीं सका मगर अफसोस की बात यह है की मछली तो पकड़ी गई, लेकिन मगरमच्छों को छोड़ दिया गया। शारिक मछली के संबंध में जो जानकारी हमें मिली है कि मध्य प्रदेश की सरकार में बैठे तीन मंत्री और दर्जन पर भाजपा नेताओं से उसके संबंध हैं इन नेताओं के शारिक मछली के साथ फोटो हैं, वीडियो हैं और भोपाल निवासी एक मंत्री और दो भाजपा नेता तो शारिक मछली के हर बुरे काम पर पर्दा डालते थे यही कारण है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव को मंच से शारिक मछली पर कार्रवाई की घोषणा करनी पड़ी।
अच्छा होता अगर मुख्यमंत्री इस मछली के साथ उन मगरमच्छों को भी पकड़वाते जिन्होंने इस मछली को पाला है। अगर मगरमच्छ नहीं पकड़े गए तो फिर एक नई मछली पैदा होगी, फिर ड्रग्स तस्करी होगी, फिर अवैध वसूली होगी, फिर लड़कियों के साथ दुराचार होगा, अगर यह सब नहीं होने देना है तो मगरमच्छों को पकड़ना जरूरी है, लेकिन वह मगरमच्छ सत्ताधारी दल के नेता हैं इसीलिए उनका पकड़ाना नामुमकिन भी है।