पटना में योग प्रशिक्षक दहाड़े, सरकार उन्हें भूखा न मारे

मानदेय बढ़ाने को भाजपा कार्यालय पर घंटों किया प्रदर्शन

खेलपथ संवाद

पटना। बिहार में सम्मानित योग प्रशिक्षकों के सब्र का बांध टूट चुका है। लगातार जवाबदेह लोगों के आश्वासनों से उनका दिल टूट चुका है। इसी रंजोगम के बीच सोमवार को प्रदेश की राजधानी पटना में तीन हजार से अधिक योग प्रशिक्षक इकट्ठा हुए और भारतीय जनता पार्टी कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की। परेशान योगाचार्यों ने सरकार के सामने पांच जायज मांगें रखी हैं। यदि बिहार को निरोगी रखना है तो सरकार को सम्मानित योग प्रशिक्षकों को सम्मानजनक जीवन तो देना ही चाहिए।   

देखा जाए तो विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के मानदेय में वृद्धि की है लेकिन योग प्रशिक्षकों की तरफ किसी ने ध्यान ही नहीं दिया। जबकि इन योग प्रशिक्षकों को एक सत्र के सिर्फ रुपये 250 ही मिलते हैं। महंगाई के इस दौर में योग प्रशिक्षक भुखमरी का शिकार हैं। सरकार की लगातार उपेक्षा से आहत योग प्रशिक्षक सोमवार को मानदेय वृद्धि की मांग को लेकर पटना में आंदोलन पर उतर गए हैं।

सोमवार को काफी संख्या में योग प्रशिक्षकों ने भाजपा कार्यालय के गेट पर कई घंटे प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि उन्हें 250 रुपये प्रतिदिन दिया जाता है, जो साढ़े सात हजार महीना होता है। मुख्यमंत्री सभी लोगों का मानदेय बढ़ा रहे हैं, हम पर कब ध्यान देंगे। एक योग प्रशिक्षक ने कहा कि कोरोना काल के समय से हम लोग अपनी जान की बाजी लगाकर लोगों को योग करवा रहे हैं। उस वक्त से हम लोगों को ढाई सौ रुपया प्रतिदिन के हिसाब से पैसा मिलता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कई योग प्रशिक्षक 10-15 किलोमीटर दूरी से आते हैं, जो आने जाने का भाड़ा में ही खर्च हो जाता है। हम लोग साढ़े सात हजार महीने पर आखिर जीवन बसर कैसे कर सकते हैं।

एक दूसरे योग प्रशिक्षक ने कहा कि सम्मानजनक मानदेय के लिए कई बार हम लोगों ने धरना प्रदर्शन भी किया। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से भी हम लोग कई बार मिले और उन्होंने आश्वासन भी दिया था, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही रहा। योग प्रशिक्षकों की बहाली निकालने की भी बात आई थी, लेकिन वह भी ठंडे बस्ते में चली गई।

योग प्रशिक्षकों ने कहा कि अब जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के मानदेय में वृद्धि कर रहे हैं, लेकिन हम लोगों पर ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा। यही ध्यान आकर्षित करने के लिए हम अपने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से मिलने के लिए पटना आए हुए हैं। उन लोगों ने कहा कि हम लोग हर हाल में अपने मंत्री से मिलकर जाएंगे। जब सभी का मांग पूरा हो रहा है तो  हम पर भी ध्यान दिया जाए। वैसे यह पांच सूत्री मांग है, लेकिन मुख्य मांग है कि हम लोग का मानदेय बढ़ाया जाए।

बता दें कि चुनावी वर्ष में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जहां आम लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वृद्धि की तो विद्यालय रसोइया, रात्रि प्रहरी का मानदेय दोगुना कर दिया। अंशकालिक शारीरिक शिक्षकों का भी वेतन आठ से बढ़ाकर 16 हजार कर दिया गया है। हम लोग चाहते हैं कि सरकार चुनावी वर्ष में हम लोगों को भी अच्छा बेहतर जीवन देने पर ध्यान दे।

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