मुजफ्फरपुर के योग प्रशिक्षकों ने खटखटाया अदालत का दरवाजा

नजीर बने साधना कुमारी, नंदनी कुमारी और अमलेश कुमार

खेलपथ संवाद

पटना। बिहार में योग संचालन में बरती जा रही अंधेरगर्दी और खराब सिस्टम के खिलाफ जिला मुजफ्फरपुर के तीन योग प्रशिक्षकों साधना कुमारी, नंदनी कुमारी तथा अमलेश कुमार ने पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल, बिहार में योग संचालन में जमकर खेल हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय हैं तो भारतीय जनता पार्टी से, लेकिन योग और योग प्रशिक्षकों के प्रति उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। कई बार योग प्रशिक्षक उनसे अपना दुखड़ा सुना चुके हैं लेकिन उनके कानों में जूं नहीं रेंगी।

देखा जाए तो सरकारी आंकड़ों में बिहार के 38 जिलों में 8721 योग प्रशिक्षक सेवाएं दे रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग ही कहानी बयां कर रही है। मुजफ्फरपुर जिले में सबसे अधिक 471 योग प्रशिक्षकों के योग सत्र लेने का स्वास्थ्य विभाग के दस्तावेजों में जिक्र है, जबकि इस जिले में 21 जून, 2023 के बाद सिर्फ 11 महीने 128 योग प्रशिक्षकों ने ही योग सत्र लिए लेकिन उसका भुगतान भी कुछ लोगों को ही मिला। जबकि 25 मई, 2024 से मुजफ्फरपुर में योग सत्र लगे ही नहीं। शासकीय दस्तावेज बताते हैं कि बिहार राज्य की स्वास्थ्य समिति तो हर जिले को योग सत्र आयोजित करने के लिए बजट आवंटित करती रही, लेकिन योग सत्र कुछ जिलों में ही चले। अब सवाल यह उठता है कि योग प्रशिक्षकों का पैसा आखिर किसकी जेब में चला गया।

मुजफ्फरपुर में बजट नहीं है का हवाला देते हुए 25 मई, 2024 से प्रत्येक हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटरों में योग सत्र बंद कर दिए गए। घर बैठे प्रशिक्षकों ने हर जवाबदेह पदाधिकारी को पत्र लिखा लेकिन समस्या का निदान नहीं हो सका। थक-हारकर जिले के तीन योग प्रशिक्षकों साधना कुमारी, नंदनी कुमारी तथा अमलेश कुमार ने पटना हाईकोर्ट की शरण ली। मामला पटना हाईकोर्ट में पहुंचते ही समूचा स्वास्थ्य महकमा संदेह के घेरे में आ गया। इन प्रशिक्षकों के अदालत जाने पर योग प्रशिक्षकों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं हैं लेकिन मेरा मानना है कि इन प्रशिक्षकों ने सही काम किया है।

अदालत का दरवाजा खटखटाने वाली योग प्रशिक्षक साधना कुमारी का कहना है कि मैं चाहती हूं कि प्रत्येक योग प्रशिक्षक सम्मानजनक जीवन जिए तथा अन्याय के खिलाफ मुखर हो। अब देखना यह है कि योग प्रशिक्षकों की भावनाओं के साथ जो खिलवाड़ हो रहा है, उसका अंत कब और कैसे होता है। यद्यपि मुजफ्फरपुर जिले के जवाबदेह पदाधिकारियों ने प्रत्येक हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर में योग सत्र शुरू करने के निर्देश दे दिए गए हैं लेकिन योग सत्र आज तक प्रारम्भ नहीं हुए हैं।

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