खेलों के जरिए उभर रहा नया बिहार

राजगीर बन रहा प्रदेश में खेलों का रोल मॉडल

खेलपथ संवाद

पटना। राजगीर की वादियों में इन दिनों खिलाड़ियों की जयकार गूंज रही है। हरियाणा की स्वर्ण पदक विजेता कबड्डी खिलाड़ी सोनम और अर्पिता जब अपनी ठेठ हरियाणवी बोली में कहती हैं, बिहार और प्रदेशां तै कम सै के?” – तो वहां मौजूद हर बिहारवासी गर्व से भर उठता है। खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025' के लिए देशभर से आए हजारों खिलाड़ियों के स्वागत में बिहार ने जिस तरह की भव्यता और व्यवस्थाएं प्रस्तुत की हैं, वह उसकी नई पहचान की झलक दे रही हैं।

बिहार के पांच प्रमुख शहरों पटना, नालंदा, गया, भागलपुर और बेगूसराय में आयोजित हो रहे इस मेगा स्पोर्ट्स इवेंट का केंद्र बन चुका है राजगीर। अब तक अपने ऐतिहासिक, धार्मिक और बौद्धिक पहचान के लिए प्रसिद्ध यह शहर अब खेल मानचित्र पर भी चमकने लगा है। राज्य सरकार की दूरदृष्टि और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल के चलते राजगीर में विकसित हुआ अत्याधुनिक स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर न केवल खिलाड़ियों को आकर्षित कर रहा है  बल्कि पूरे देश का ध्यान भी खींच रहा है।

राजगीर में 90 एकड़ में फैला स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स देश के चुनिंदा आधुनिक खेल परिसरों में शुमार हो चुका है। इसमें ओलंपिक स्तर के ट्रैक, स्वीमिंग पूल, शूटिंग रेंज, इनडोर बास्केटबॉल, हैंडबॉल और वॉलीबॉल कोर्ट के साथ-साथ फुटबॉल और हॉकी के ग्राउंड्स शामिल हैं। टेबल टेनिस और कबड्डी जैसी प्रतियोगिताएं भी यहां हो रही हैं। इतना ही नहीं, 40 हजार दर्शकों की क्षमता वाला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम भी निर्माणाधीन है, जिसे आईसीसी और बीसीसीआई के मानकों के अनुसार तैयार किया जा रहा है।

यहां खिलाड़ियों के ठहरने, भोजन, स्वास्थ्य सेवा और मनोरंजन की व्यवस्था को इतनी बारीकी से अंजाम दिया गया है कि देश के विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागी खिलाड़ी दंग हैं। मणिपुर के हॉकी खिलाड़ी लैसराम प्रीतम ने कहा कि उन्होंने इतनी बेहतरीन सुविधा की उम्मीद नहीं की थी। कर्नाटक की टीम की फिजियो राम्या ने एस्ट्रोटर्फ हॉकी ग्राउंड की खासतौर पर तारीफ करते हुए कहा कि यहां खिलाड़ियों की इंजरी रेट बेहद कम है। उन्होंने राजगीर में खुद को सुरक्षित और सम्मानित महसूस किया।

कर्नाटक के खिलाड़ी अर्श अली ने यहां की व्यवस्था को 'टॉप क्लास' बताया तो महाराष्ट्र के टेबल टेनिस खिलाड़ी कुशल चोपड़ा ने कहा कि बिहार के प्रति उनके मन में जो हिचक थी, वह यहां आकर पूरी तरह टूट गई है। तमिलनाडु के कोच सुबिन कुमार ने भी आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि खेलों के क्षेत्र में बिहार की संभावनाएं अब खुलकर सामने आ रही हैं। बिहार के स्थानीय खिलाड़ी भी बेहद उत्साहित हैं। टेबल टेनिस खिलाड़ी कुमार हर्षित का कहना है कि अपने राज्य में राष्ट्रीय प्रतियोगिता देखकर गर्व हो रहा है। माही गुप्ता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद देते हुए कहा कि अब बिहार के खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय मंच मिल रहा है। वहीं नंदिनी ने आयोजन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह हर बिहारवासी के लिए गौरव का क्षण है।   

खिलाड़ियों की सेहत और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 24 घंटे चलने वाला हेल्थ सेंटर स्थापित किया गया है, जिसमें पुरुष और महिला डॉक्टरों की पूरी टीम तैनात है। गंभीर स्थिति में खिलाड़ियों को पावापुरी स्थित बीवीआईआईएमएस अस्पताल में रेफर किया जाता है, जहां विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध हैं। एंबुलेंस हर समय तैयार रखी गई है।

प्रतियोगिता की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए नाडा की टीम तैनात की गई है, जो खिलाड़ियों के डोप टेस्ट के लिए रैंडम सैम्पल ले रही है। साथ ही सुरक्षा और समन्वय बनाए रखने के लिए एक विशेष नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है, जो सभी विभागों के बीच तालमेल बनाकर हर परिस्थिति से निपटने में सक्षम है। राजगीर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और आयोजन स्थलों पर अग्निशमन यंत्र, सीसीटीवी कैमरे, मेटल डिटेक्टर और विशेष पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की गई है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर महिला हेल्प डेस्क 24 घंटे सक्रिय है।

भारत सरकार के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के सचिव हरि रंजन राव ने इस आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार हर राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने राजगीर की व्यवस्था और आयोजन टीम की सराहना करते हुए इसे ‘रोल मॉडल’ बताया।

खेलों के साथ विकसित हो रहा बिहार

स्थानीय निवासियों के अनुसार, इस आयोजन ने राजगीर की पहचान पूरी तरह बदल दी है। जहां पहले यह धार्मिक और पर्यटन स्थल माना जाता था, वहीं अब यह एक विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स डेस्टिनेशन के रूप में भी सामने आ रहा है। ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025’ ने न केवल बिहार के खिलाड़ियों को एक मजबूत मंच दिया है बल्कि स्थानीय पर्यटन, होटल उद्योग, परिवहन और अर्थव्यवस्था को भी नई रफ्तार दी है। यह आयोजन साबित करता है कि बिहार अब सिर्फ अपने इतिहास की नहीं बल्कि भविष्य की भी बात कर रहा है।

 

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