शतरंज बने ओलम्पिक खेलों का हिस्साः डी गुकेश
खेल रत्न ने ओलम्पिक के लिए प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों को सराहा
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। शतरंज के नए विश्व चैम्पियन डी गुकेश उस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं जब यह खेल ओलम्पिक स्पर्धाओं का हिस्सा बन जाएगा और उनका कहना है कि इससे यह सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में एक अलग स्तर पर पहुंच जाएगा।
हाल ही में सिंगापुर में चीन के डिंग लिरेन को हराकर विश्व चैम्पियन बने 18 वर्षीय गुकेश ने गुरुवार को अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) द्वारा उन्हें और विश्व रैपिड चैंपियन कोनेरू हम्पी को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक समारोह के दौरान कहा कि लगभग एक महीने तक चले जश्न के बाद वह अपने अगले टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बेताब हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में 2036 ओलंपिक की मेजबानी करने की जोरदार वकालत की है और गुकेश ने कहा कि अगर यह भव्य आयोजन भारत को मिलता है और शतरंज इसका हिस्सा बनता है तो यह एक सपने के सच होने जैसा होगा। गुकेश ने समारोह में कहा, 'मैं शतरंज को ओलम्पिक का हिस्सा बनते देखना पसंद करूंगा, खासकर अगर यह भारत में हो। मुझे लगता है कि शतरंज को काफी लोकप्रियता और समर्थन मिल रहा है। मैं इसके लिए वाकई खुश हूं और ओलंपिक इसे अगले स्तर पर ले जाएगा। मैं वाकई इसके लिए उत्साहित हूं।'
इस समारोह में हम्पी को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने हाल में न्यूयॉर्क में अपना दूसरा विश्व रैपिड खिताब जीता था। एआईसीएफ ने गुकेश को विश्व खिताब जीतने वाले सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बनने के लिए एक करोड़ रुपये का पुरस्कार देने की भी घोषणा की।
उनके सहयोगी स्टाफ के प्रयासों को मान्यता देते हुए महासंघ ने उनकी टीम को 50 लाख रुपये दिए जिससे उन्हें इस टूर्नामेंट की तैयारी में मदद मिली। हम्पी को उनके प्रयासों के लिए 50 लाख रुपये मिले जबकि न्यूयॉर्क में विश्व ब्लिट्ज चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली आर वैशाली को 20 लाख रुपये दिए गए।