आर्यवीर दोहरा शतक जड़ने के बावजूद पिता का दिल नहीं जीत पाए
वीरेन्द्र सहवाग ने कहा- बेटे 23 रन से चूक गए फरारी का तोहफा
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के बेटे आर्यवीर अब पिता की राह पर चल पड़े हैं। शुक्रवार को उन्होंने मेघालय के खिलाफ 297 रनों की दमदार पारी खेलकर सुर्खियां बटोरीं। उनकी इस पारी को उनके पिता ने भी सराहा। सहवाग ने ट्वीट कर बेटे की तारीफ की। उन्होंने कहा, "बहुत अच्छा प्रदर्शन किया आर्यवीर! हालांकि, तुम 23 रन से फरारी से चूक गए।"
297 रनों की दमदार पारी खेलने के बावजूद आर्यवीर को उनका पसंदीदा तोहफा नहीं मिलेगा। दरअसल, सहवाग ने 2015 में अपने बेटे से वादा किया था कि अगर वह उनके 319 रनों के रिकॉर्ड को तोड़ने में कामयाब होंगे तो वह उन्हें फरारी कार तोहफे में देंगे। अब उन्होंने आर्यवीर को इसकी याद दिलाते हुए कहा- "आर्यवीर सहवाग ने बहुत बढ़िया खेला। 23 रन से फरारी से चूक गए। लेकिन बहुत बढ़िया, जोश बनाए रखो और उम्मीद है कि तुम और भी कई शतक और दोहरे और तिहरे शतक बनाओगे। खेल जाओ।"
टेस्ट में तिहरा शतक जड़ने वाले पहले भारतीय वीरेन्द्र सहवाग
पूर्व भारतीय बल्लेबाज ने 2004 में मुल्तान टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ 309 रनों की दमदार खेलकर बड़ा रिकॉर्ड बनाया था। वह इस प्रारूप में तिहरा शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने थे। इसके चार साल बाद उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चेन्नई में 319 रन बनाए और अपने रिकॉर्ड को बेहतर किया। अब उन्हें अपने बेटे से इस तरह के प्रदर्शन की अपेक्षा है।
दिल्ली ने 623/5 पर घोषित की पारी
मालूम हो कि, आर्यवीर इस वक्त कूच बिहार ट्रॉफी में दिल्ली के लिए खेल रहे हैं। मेघालय के खिलाफ खेले जा रहे इस मैच में उन्होंने 51 चौकों और तीन छक्कों की मदद से 297 रन बनाए। वह तीन रन से अपना पहला तिहरा शतक पूरा करने से चूक गए। उन्हें आरएस राठौर ने आउट कर दिया। उनके अलावा दिल्ली के लिए अर्नव एस बग्गा ने 114 और धान्या नाकरा ने 130 रनों की पारी खेली। इस तरह दिल्ली ने मेघालय के खिलाफ पांच विकेट पर 623 रन बनाकर पारी घोषित कर दी।