भारतीय बेटियों ने चैम्पियंस ट्रॉफी में दो बार तोड़ी चीनी दीवार

विपक्षी टीमों पर दागे 29 गोल और सिर्फ दो गोल खाए
अनुशासित खेल से चीन की शक्तिशाली आक्रमण को किया कुंद
खेलपथ संवाद
राजगीर (बिहार)।
नीले आसमा के तले, नीले जमीं पर जीत के अश्वमेध रथ पर सवार मेजबान भारतीय टीम ने खिताबी मुकाबले में चीन की अभेद दीवार को भेद लगातार दूसरी बार ख़िताब अपने नाम किया। भारतीय महिला हॉकी टीम ने एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी पर कब्ज़ा कर मनोरम पहाड़ियों से घिरी ऐतिहासिक नगरी राजगीर में एशियन हॉकी का सिरमौर बना। भारतीय शेरनियों ने प्रतिष्ठा की जंग में चीनी मजबूत दीवार एक बार नहीं बल्कि दो बार तोड़ी।  
भारतीय हॉकी टीम के मुख्य प्रशिक्षक हरेंद्र सिंह की योद्धाओं ने उतार-चढ़ाव भरी  रोमांचक ज़ंग में चीन की शक्तिशाली टीम पर मैच के शुरुआत से ही दबाव बनाया। चीन के प्रशिक्षक ह्वांग योंगशेंग ने  नई रणनीति के साथ  टीम उतारी थी। चीन की स्टार खिलाड़ी यूंक्सिया फैन, ओउ ज़िक्सिया भारतीय टीम के लिए बाधा बनी रहीं। पूरे मैच में भारत ने अपनी पकड़ बनाए रखी। भारतीय टीम के पास 52% बॉल कंट्रोल रहा, आठ सर्किल इंट्री की और पांच बार गोल पर शूट किया। 
भारतीय टीम को छह पेनाल्टी कॉर्नर मिले जिसमें एक को गोल में बदल कर चीन के पहली बार एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने के सपने को तोड़ दिया। भारत के लिए यह स्वर्णिम गोल कर स्टार खिलाड़ी दीपिका ने अपने व्यक्तिगत गोलों की संख्या 11 कर ली। स्वर्णिम जीत की कमान संभालने वाली दीपिका को टॉप स्कोरर और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट अवॉर्ड मिला। 
मिज़ोरम की लालरेम्सियामी को प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड मिला। पूरे टूर्नामेंट में अपने जुझारू खेल से भारतीय टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। मिड फ़ील्ड भारतीय टीम की सबसे मज़बूत कड़ी रही है। पूरे टूर्नामेंट में अपनी स्पीड और सूझबूझ से खेलने वाली कप्तान सलीमा, नेहा और शर्मिला ने चीन के आक्रमण को हॉफ लाइन पर रोका और और डिफेंस और फॉरवर्ड के बीच तालमेल बनाया।  रक्षा पंक्ति में उदिता, वैष्णवी, सुशीला और ज्योति ने क्लीन टेकिंग और अनुशासित खेल से चीन की शक्तिशाली आक्रमण को कुंद किया। 
भारतीय हॉकी टीम ने भारतीय तथा यूरोपियन शैली के हॉकी के मिश्रण का शानदार प्रदर्शन किया। आत्मविश्वास से लबरेज़ भारतीय टीम शारीरिक क्षमता, मानसिक दृढ़ता, शानदार तालमेल एवं स्टिक वर्क के साथ खेलते ओलम्पिक रजत पदक विजेता चीन पर अपना वर्चस्व बनाया।  पूरी प्रतियोगिता में अपराजित भारतीय हॉकी टीम ने राउंड रॉबिन लीग में मलेशिया, कोरिया, थाईलैंड, चीन, जापान तथा सेमीफाइनल में जापान को हराते हुए फ़ाइनल तक का सफ़र को पूरा किया। इस चैम्पियंस ट्रॉफी में भारतीय हॉकी को संगीता, ब्यूटी, सोनेलिता, ज्योति, वैष्णवी और इशिका जैसे कई उभरते सितारे मिले।  इन खिलाडियों पर भविष्य का दारोमदार रहेगा।
बुधवार को मगध की पूर्व राजधानी रही ऐतिहासिक और धर्मनगरी राजगीर के खेलप्रेमी दर्शकों का उत्साह तथा जोश देखने लायक था। बिहार के हॉकी प्रेमियों को अपनी सरजमीं पर इतनी बड़ी जीत पर तिरंगा लहराने का मौका पहली बार मिला है। इस जीत के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार, हॉकी इंडिया, खेल मंत्री, खेल विभाग, खेल प्राधिकरण और विशेष रूप से इस आयोजन के कर्ताधर्ता रविंद्रन शंकरण को इस सफल आयोजन के लिए बधाई। इस स्वर्णिम जीत के गवाह बने बिहार के लिए यह आयोजन खेल और खेल संस्कृति को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगा। इस जीत से बिहार में हॉकी की लोकप्रियता बढ़ी है। इस लोकप्रियता को अवसर में बदलने की जरूरत है। इस ऐतिहासिक सफल आयोजन के बाद नवोदित खिलाड़ियों को आधारभूत संरचना, सही प्रोत्साहन और उचित सम्मान मिले तो आने वाले समय में बिहार के खिलाड़ी भी हमें तिरंगा लहराने का अवसर देंगे।

 

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