भारत के सामने दक्षिण अफ्रीका पर बढ़त बनाने की चुनौती
दक्षिण अफ्रीका में भारतीय बल्लेबाजों का फॉर्म चिंता का विषय
खेलपथ संवाद
सेंचुरियन। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच दूसरे टी20 में गकेबरहा की तेज और उछाल भरी पिच पर फ्लॉप रहने वाले भारतीय बल्लेबाजों को सेंचुरियन में बुधवार को होने वाले तीसरे टी20 में भी दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाजों की परीक्षा से गुजरना होगा। सुपरस्पोर्ट पार्क की पिच भी तेज और उछाल भरी है।
सूर्यकुमार यादव की टीम को 1-1 से बराबर चार मैचों की सीरीज में बढ़त बनानी है तो उसके बल्लेबाजों को अफ्रीकी तेज गेंदबाजों की परीक्षा पास करनी होगी। दिक्कत यह भी है कि हार्दिक पांड्या को छोड़कर टीम के अन्य किसी क्रिकेटर ने इस मैदान पर कभी कोई टी20 मैच नहीं खेला है। भारतीय टीम के लिए यहां की स्थितियां एकदम नई होंगी। अब तक दोनों मैचों में प्रभाव नहीं छोड़ पाए कप्तान सूर्यकुमार यादव, रिंकू सिंह और ओपनर अभिषेक शर्मा को बल्लेबाजी में आगे बढ़कर जिम्मेदारी उठानी होगी।
2009 के बाद से भारत ने इस मैदान पर 2018 में सिर्फ एक टी-20 मैच खेला है। वर्तमान भारतीय टीम के सदस्यों में हार्दिक पंड्या ही इस मैच में खेले थे। भारत को इस मैच में छह विकेट से हार मिली थी। यही कारण है कि भारतीय बल्लेबाजों की फॉर्म यहां मायने रखेगी। अभिषेक शर्मा बतौर ओपनर अब तक दोनों मैच में नहीं चले हैं। अगर वह तीसरे मैच में भी नहीं चले तो टीम प्रबंधन उनके स्थान पर संजू सैमसन के साथ तिलक वर्मा को ओपनिंग का मौका दे सकता है। ऐसे में टीम में रमनजीत सिंह की जगह बन सकती है, जो मध्यक्रम में तेज बल्लेबाजी करते हैं।
360 डिग्री क्रिकेटर के तौर पर मशहूर सूर्यकुमार दोनों मैचों में प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं। उन्होंने अब तक 21 और चार रन की पारियां खेली हैं। सुपरस्पोर्ट पार्क पर सफलता के लिए भारतीय टीम उनकी बल्लेबाजी पर काफी हद तक निर्भर करेगी। रिंकू सिंह भी दोनों मैचों में 11 और नौ रन की पारियां खेल पाए हैं। वह फिनिशर की भूमिका से न्याय नहीं कर पाए हैं। हार्दिक पंड्या ने पहले मैच में दो और दूसरे मैच में 45 गेंद में धीमे 39 रन बनाए थे। सिर्फ संजू सैमसन और तिलक वर्मा ही ऐसे दो बल्लेबाज रहे हैं, जिन्होंने रन बनाए हैं। सैमसन ने पहले मैच में 50 गेंद में 107 रन की पारी खेली थी, जबकि दूसरे मैच में वह शून्य पर बोल्ड हुए थे। तिलक ने पहले मैच में 33 और दूसरे में 20 रन बनाए।
वरुण की फिरकी ने छोड़ी है छाप
इस दौरे पर भारत का अब तक सबसे सकारात्मक पक्ष उसकी स्पिन गेंदबाजी रही है। वरुण चक्रवर्ती और रवि बिश्नोई ने प्रभावित किया है। खासतौर पर पहले मैच में 25 पर तीन और दूसरे मैच में 17 रन पर पांच विकेट लेने वाले वरुण की गुगली द. अफ्रीकी बल्लेबाजों के लिए समझ से बाहर रही है। गकेबरहा की तेज गेंदबाजों की मददगार पिच पर उन्होंने दक्षिण अफ्रीका का स्कोर छह विकेट पर 66 रन कर दिया था। बिश्नोई ने भी दो मैचों में चार विकेट लेकर प्रभावित किया है। अर्शदीप और आवेश खान ने दूसरे मैच में निराश किया। ट्रिस्टन स्टब्स और गेराल्ड कोएत्जी ने इन दोनों गेंदबाजों पर अंत में रन बनाकर भारत के हाथ में आई जीत को छीन लिया था।
बल्लेबाजी सिर्फ भारतीय टीम की समस्या नहीं रही है। दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज भी रन बनाने से जूझ रहे हैं। कप्तान एडिन मार्करम दोनों मैचों में नहीं चले हैं। अनुभवी डेविड मिलर का भी यही हाल रहा है। खतरनाक हेनरिक क्लासेन अब तक बड़ी पारी नहीं खेल पाए हैं। कोएत्जी ने जरूर दोनों मैचों में 23 और 19 रन की तेज पारियां खेली हैं। स्टब्स ने दूसरे मैच में 47 रन की पारी खेल कर अपनी उपयोगिता का परिचय दिया है।
दोनों टीमें इस प्रकार हैं...
भारत: अभिषेक शर्मा, संजू सैमसन (विकेटकीपर), सूर्यकुमार यादव (कप्तान), तिलक वर्मा, हार्दिक पांड्या, रिंकू सिंह, अक्षर पटेल, विजयकुमार वैशाक, आवेश खान, वरुण चक्रवर्ती, अर्शदीप सिंह, यश दयाल, रवि बिश्नोई, रमनदीप सिंह , जितेश शर्मा।
दक्षिण अफ्रीका: रीजा हेंड्रिक्स, रेयान रिकेल्टन (विकेटकीपर), एडेन मार्करम (कप्तान), ट्रिस्टन स्टब्स, हेनरिक क्लासेन, डेविड मिलर, मार्को यानसेन, केशव महाराज, गेराल्ड कोएत्जी, एन पीटर, ओटनील बार्टमैन, डोनोवन फरेरा, मिहलाली मपोंगवाना, पैट्रिक क्रूगर।