फाइटर बेटी अनाहत ने जीता पीएसए चैलेंजर खिताब

पिता वकील तो मां हैं इंटीरियर डिजाइनर
खेलपथ संवाद
नयी दिल्ली।
युवा स्क्वैश खिलाड़ी अनाहत सिंह ने रविवार को ऑस्ट्रेलिया में नॉर्थ कोस्ट ओपन 2024 में महिला एकल का खिताब जीतकर साल की अपनी छठी पीएसए चैलेंजर ट्रॉफी हासिल की। टूर्नामेंट में तीसरी वरीयत 16 वर्षीय भारतीय ने फाइनल में जापान की छठी वरीयता प्राप्त अकारी मिडोरिकावा को सीधे गेमों में 3-0 (11-6, 11-6, 11-7) से हराया। 
पूरे टूर्नामेंट के दौरान अनाहत ने शानदार खेल दिखाया और केवल एक गेम गंवाया। सेमीफाइनल में उन्होंने हांगकांग की सातवीं वरीय क्रिस्टी वोंग को 3-1 (11-5, 7-11, 11-7, 11-9) से मात दी। इससे पहले, उन्होंने हांगकांग की बोबो लैम और हेलेन टैंग को हराया था। हांग्झोउ एशियाई खेलों में महिला टीम और मिश्रित युगल स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीतने वाली अनाहत को वरीयता के कारण पहले दौर में बाई मिली। इस साल की शुरुआत में उन्होंने जनवरी में जेएसडब्ल्यू विलिंगडन लिटिल मास्टर्स और सीनियर टूर्नामेंट का खिताब जीता। इसके बाद अप्रैल में हमदर्द स्क्वाशटर्स नॉर्दर्न स्लैम पीएसए चैलेंजर का खिताब जीता।
अनाहत सिंह ने कम उम्र में ही स्क्वैश की दुनिया में एक अलग सनसनी मचा रखी है, उन्हें आने वाले समय में भारत की एक दिग्गज खिलाड़ी के रूप में देखा जा रहा है। दिल्ली की रहने वाली स्क्वैश खिलाड़ी ने हांग्जोऊ एशियन गेम्स 2023 में महिला टीम और मिश्रित युगल स्पर्धा में दो कांस्य पदक जीते हैं। इस इवेंट में अनाहत सिंह ने एशियाई खेल में सबसे कम उम्र (15 साल, 6 महीने और 16 दिन) की भारतीय पदक विजेता होने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया था। लेकिन कुछ ही दिनों बाद संजना बथुला ने इस रिकॉर्ड को अपने नाम कर लिया।
अनाहत बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेल 2022 के भारतीय दल की सबसे कम उम्र की सदस्य थीं। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी पहली बड़ी सीनियर प्रतियोगिता में राउंड ऑफ 64 में सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस की जाडा रॉस को हराकर जीत हासिल की। उस समय सिर्फ 14 वर्षीय अनाहत सिंह दूसरे दौर में पूर्व विश्व नंबर 12 खिलाड़ी वेल्स की एमिली व्हिटलॉक से 3-1 से हारकर अगले दौर से बाहर हो गई। लेकिन काफी छोटी सी उम्र में ही अनाहत ने अपने पहले ही बड़े मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रमाण पेश कर दिया था । उस दौरान उन्होंने अपनी जोड़ीदार सुनयना कुरुविला के साथ महिला युगल के दूसरे दौर में भी जगह बनाई थी। हालांकि, भारतीय स्क्वैश को करीब से देखने वाले प्रशंसकों के लिए, अनाहत का यह कारनामा शायद ही किसी के लिए हैरान करने वाली बात थी।
अनाहत सिंह की कहानी
अनाहत सिंह का जन्म 13 मार्च, 2008 को दिल्ली में हुआ था। अनाहत के पिता गुरशरण सिंह पेशे से एक वकील हैं जबकि उनकी मां तानी वदेहरा सिंह एक इंटीरियर डिजाइनर हैं। अनाहत के परिवार का खेल के प्रति शुरू से ही काफी गहरा लगाव है, क्योंकि गुरशरण और तानी दोनों ने अपनी युवा अवस्था में हॉकी खेल में अपना हाथ आजमाया था। अनाहत की बड़ी बहन अमीरा भी एक बेहतरीन स्क्वैश खिलाड़ी हैं। वह अपनी स्नातक की डिग्री हासिल करने के लिए हार्वर्ड विश्वविद्यालय जाने से पहले देश की शीर्ष रेटेड अंडर-19 खिलाड़ियों में से एक थीं। 
अनाहत को पहले बैडमिंटन के प्रति काफी गहरा लगाव था, लेकिन बाद में उन्होंने स्कैश को अपना प्रोफेशन चुना। अनाहत छह साल की उम्र में पीवी सिंधु को दिल्ली में इंडिया ओपन में खेलते हुए देखकर बैडमिंटन के प्रति काफी आकर्षित हो गई थीं और इस खेल में आगे जाने का फैसला किया। उन्होंने दिल्ली में कुछ युवा स्तर के टूर्नामेंट भी जीते। अनाहत सिंह आज भी पीवी सिंधु की बहुत बड़ी प्रशंसक हैं। अनाहत ने आठ साल की उम्र में स्क्वैश खेलना शुरू कर दिया था।
अनाहत की मां तानी वढेरा कहती हैं कि अनाहत को बैडमिंटन पसंद था, लेकिन माता-पिता के रूप में हम टूर्नामेंट के लिए उनकी बड़ी बहन अमीरा के साथ यात्रा करते थे और अनाहत घर में अकेले नहीं रहना चाहती थी। इसके बाद उन्होंने बैडमिंटन से स्क्वैश के प्रति रूख किया।" अनाहत कहती हैं, "मैं इसके लिए तैयार थी क्योंकि मुझे दीवार से टकराने वाली गेंद की आवाज पसंद थी।"
अपनी बहन अमीरा और राष्ट्रीय स्तर के पूर्व स्क्वैश खिलाड़ी अमजद खान और अशरफ हुसैन द्वारा प्रशिक्षित अनाहत सिंह को भारत में स्क्वैश के भविष्य के रूप में खुद को स्थापित करने में बहुत कम समय लगा। वह कुछ ही समय में अंडर-11 कैटेगरी में भारत की नंबर 1 बन खिलाड़ी बनकर अंडर-13 कैटेगरी में पहुंच गईं। जहां वह न केवल भारत में बल्कि एशिया और यूरोप में भी नंबर 1 पर पहुंच गईं।
अनाहत सिंह ने साल 2019 में भारत के लिए पहली बार ब्रिटिश ओपन स्क्वैश टूर्नामेंट में अंडर -11 गर्ल्स की कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीतने के बाद प्रसिद्धि हासिल की। उसके बाद इस होनहार खिलाड़ी ने एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप में भी कांस्य पदक जीता। साल 2020 में, दिल्ली के चाणक्यपुरी में ब्रिटिश स्कूल की छात्रा अनाहत ने ब्रिटिश और मलेशियाई जूनियर ओपन टूर्नामेंट में रजत पदक जीता। हालांकि इस दौरान कोविड ने पूरी दुनिया को अस्त-व्यस्त कर दिया।
अनाहत ने फिलाडेल्फिया में यूएस ओपन 2021 जूनियर (अंडर-15) स्क्वैश खिताब जीतने के लिए कोर्ट में वापसी की। बता दें कि इस दौरान अनाहत इस आयु वर्ग में यूएस ओपन चैम्पियन बनने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। इस तरह अनाहत सिंह के लिए साल 2022 का सीजन काफी शानदार था।
अनाहत यहीं नहीं रूकी, उन्होंने अपनी ट्रॉफी कैबिनेट में जर्मन और डच ओपन खिताब जोड़ने के अलावा जून में थाईलैंड में हुए एशियाई जूनियर स्क्वैश चैंपियनशिप 2022 में अंडर-15 में स्वर्ण पदक का खिताब हासिल किया। अनाहत सिंह ने जीत के साथ ही चेन्नई में नेशनल कैंप में अपना स्थान हासिल किया। जहां उन्होंने सभी को अपने खेल से प्रभावित किया और बर्मिंघम खेलों के लिए भारतीय स्क्वैश टीम में जगह बनाई। ऋत्विक अनाहत सिंह की सहज और सुरुचिपूर्ण शैली की तुलना महान पाकिस्तानी स्क्वैश खिलाड़ी जानशेर खान से भी करते हैं।
ऋत्विक भट्टाचार्य द्वारा प्रशिक्षित, अनाहत सिंह ने विश्व जूनियर स्क्वैश चैम्पियनशिप 2022 में गर्ल्स के एकल के क्वार्टर फाइनल में भी जगह बनाई, लेकिन अपने से दो साल सीनियर खिलाड़ी मिस्र की फ़ायरोज़ अबोउलखीर से हार का सामना करना पड़ा। अनाहत सिंह ने मिस्र की सोहैला हेज़म को हराकर ब्रिटिश जूनियर ओपन स्क्वैश अंडर -15 का खिताब जीतकर साल 2023 की धमाकेदार शुरुआत की। अगस्त 2023 में, अनाहत सिंह ने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के डालियान में आयोजित एशियाई जूनियर स्क्वैश चैम्पियनशिप 2023 में अंडर -17 चैम्पियन बनकर एक और उपलब्धि अपने नाम की। युवा स्क्वैश खिलाड़ी ने फाइनल में हांगकांग की एना क्वांग को हराया।
हांग्जोऊ में एशियाई खेल 2023 में अनाहत सिंह ने दो कांस्य पदक जीते जो महिला टीम स्पर्धा और मिश्रित युगल में आए। मिश्रित युगल में अनाहत के साथी अभय सिंह भारतीय युवा खिलाड़ी की प्रतिभा और परिपक्वता से काफी प्रभावित हुए। अभय ने कहा, "15 साल की उम्र में ऐसा करना, यह उनके लिए बहुत बड़ी बात है। जब लोग 15 साल की लड़की को देखते हैं, तो वे सोचते हैं 'ओह, उसे अभी कुछ अनुभव हासिल करने की जरूरत है।' लेकिन अनाहत के साथ ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। वह एक फाइटर हैं।"
अभय ने आगे कहा, "आपके आसपास 15 साल की बच्ची का होना बहुत ताजगी भरा होता है क्योंकि वह हर चीज को बहुत मजेदार बना देती है और सब कुछ चुलबुला और अच्छा होता है। वह जीवन को बहुत आराम से और मज़दार तरीके से देखती हैं, इसलिए आप उनके आसपास रहकर बहुत गंभीर नहीं हो सकते।" "15 साल की लड़की होना और एशियन गेम्स में आना और दो कांस्य पदक जीतना, वह दिखा रही हैं कि वह क्या करने में सक्षम हैं।"
नवंबर में, अनाहत नेशनल चैम्पियन का ताज पहनने वाली दूसरी सबसे कम उम्र की भारतीय बनीं। उन्होंने एडिनबर्ग में 2023 स्कॉटिश जूनियर ओपन में लड़कियों का अंडर-19 खिताब जीतकर साल 2023 को शानदार प्रदर्शन के साथ समाप्त किया। साल 2024 में, उन्होंने अगस्त में अपना नेशनल खिताब डिफेंड किया। 2024 में अनाहत सिंह ने छह PSA चैलेंजर खिताब जीते - JSW विलिंगडन लिटिल मास्टर्स और सीनियर टूर्नामेंट, हमदर्द स्क्वैशटर्स नॉर्दर्न स्लैम, HCL स्क्वैश टूर कोलकाता लेग और चेन्नई, रिलायंस PSA चैलेंज 3 टूर्नामेंट और कोस्टा नॉर्थ कोस्ट ओपन। उन्होंने उस वर्ष भारतीय सीनियर और जूनियर राष्ट्रीय खिताब भी सफलतापूर्वक बरकरार रखा।

 

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