मैं कभी टेनिस समुदाय का अनादर नहीं करताः रोहित राजपाल
मैं खुद भारतीय टेनिस समुदाय का हिस्सा हूं, टेनिस मेरा जीवन है
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। भारत के गैर खिलाड़ी डेविस कप कप्तान रोहित राजपाल ने स्पष्ट किया कि उन्होंने 'शट अप' उन्हें एजेंडे के तहत लगातार निशाना बना रहे कुछ लोगों के लिए कहा था। रोहित ने कहा कि उन्होंने यह बयान देश के टेनिस समुदाय के लिए नहीं दिया था और इस बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।
राजपाल ने कहा कि डेविस कप कप्तान के रूप में उनकी योग्यता पर सवाल उठाने वाले लोगों को रिसर्च करना चाहिए और वह उन लोगों में से नहीं हैं जो खिलाड़ियों के नहीं चाहने पर पद पर बने रहेंगे। आमतौर पर विवादों से परे रहने वाले राजपाल स्टॉकहोम में पिछले डेविस कप मुकाबले में स्वीडन के हाथों भारत की 0-4 से हार के बाद अपने आलोचकों को 'शट अप' कहने के कारण विवादों में घिर गए थे।
54 वर्ष के राजपाल ने स्वीकार किया कि मीडिया से बातचीत में उकसाये जाने पर उन्हें उस तरह की प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, 'मैं खुद भारतीय टेनिस समुदाय का हिस्सा हूं। इतनी सारी चीजों से जुड़ा हूं। टेनिस मेरा जीवन है और मैं भारतीय टेनिस समुदाय को इस तरह कुछ बोलने के बारे में सपने में भी नहीं सोच सकता। मैं ऐसा क्यो करूंगा।'
राजपाल ने कहा, 'मैं किसी का इस तरह अनादर करने की सोच भी नहीं सकता लेकिन मुझे इस तरह की प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए थी, लेकिन सवाल इतने बुरे तरीके से पूछा गया था और मेरी टीम मेरे साथ बैठी थी तो मुझे अपमानित सा महसूस हुआ।' उन्होंने कहा कि उन्हें पता है कि कौन लोग उन्हें बाहर करना चाहते हैं लेकिन वह नाम नहीं लेंगे। उन्होंने कहा, 'मुझे बुरा यह लगा कि एक व्यक्ति गलत परिप्रेक्ष्य में चीजों को रखता है और कोई जाकर सच्चाई जानने की कोशिश भी नहीं करता।'
राजपाल 2019 में कप्तान बने थे जब तत्कालीन कप्तान महेश भूपति ने सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान जाने से मना कर दिया था। उनकी नियुक्ति के समय उनकी योग्यता पर सवाल उठाए गए थे क्योंकि उन्होंने अपने कैरियर में एकमात्र डेविस कप मैच कोरिया के खिलाफ 1990 में खेला था। वह 1990 बीजिंग एशियाई खेल में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। यह पूछने पर कि क्या वह डेविस कप में भारत की कप्तानी के योग्य हैं, राजपाल ने कहा, 'यह फैसला कार्यकारी समिति लेती है। उसमें कई लोग हैं जो टेनिस जानते हैं और बहुत साल से खेल प्रशासन में है और वे संतुलित फैसले लेते हैं।' उन्होंने कहा, 'दूसरे मेरे खिलाड़ी हैं। जिस दिन मुझे लगेगा कि खिलाड़ियों को लग रहा है कि कोई और बेहतर काम कर सकता है तो मैं खुद पद छोड़ दूंगा। मुझे बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मैं आज भी इसके लिये तैयार हूं।'