के.डी. मेडिकल कॉलेज की छात्रा लवांशी गौतम ने फहराया अपनी मेधा का परचम

महामहिम राज्यपाल के करकमलों से हासिल किए तीन गोल्ड मेडल और प्रशस्ति पत्र

मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज की ऐतिहासिक शैक्षिक परम्परा में मंगलवार को एक और नया अध्याय जुड़ गया। डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के 90वें गरिमामय दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति एवं महामहिम राज्यपाल आनंदी बेन पटेल एवं कुलपति प्रो. आशुरानी के करकमलों से के.डी. मेडिकल कॉलेज मथुरा की सत्र 2019 की मेधावी छात्रा लवांशी गौतम को तीन गोल्ड मेडल तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

स्वामी विवेकानंद ब्लॉक खंदारी परिसर स्थित शिवाजी मंडपम आगरा में मंगलवार को डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के 90वें दीक्षांत समारोह में के.डी. मेडिकल कॉलेज की छात्रा लवांशी गौतम को तीन गोल्ड मेडल मिले। लवांशी गौतम को महामहिम राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने डॉ. शारदा प्रसाद श्रीवास्तव, डॉ. टुकीराम एल्हेंस तथा श्रीमती तुलसा देवी स्मृति स्वर्ण पदक तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किए तथा शाबासी दी।  

मेधावी लवांशी की इस उपलब्धि पर आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. रामकुमार अशोका, उप-प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र कुमार, महाप्रबंधक अरुण अग्रवाल आदि ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि हम युवा पीढ़ी को सिर्फ एमबीबीएस की डिग्री हासिल करते नहीं देखना चाहते। मैं चाहता हूं कि यहां से जो बच्चा पढ़-लिखकर जाए वह अच्छा सेवाभावी चिकित्सक बनकर समाज में नजीर स्थापित करे।

प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में मेधावी लवांशी गौतम को बधाई देते हुए कहा कि बेटियों का हर क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन अभिभावकों तथा समाज की सोच बदलने में सहायक साबित हो रहा है। यह खुशी की बात है कि के.डी. मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थी प्रतिवर्ष मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए स्वर्णिम सफलता हासिल कर रहे हैं। नई पटकथा लिख रहे हैं।

आगरा में हुए गरिमामय समारोह में सम्मानित होने के बाद के.डी. मेडिकल कॉलेज लौटी लवांशी गौतम ने अपनी इस सफलता का श्रेय के.डी. मेडिकल कॉलेज के अनुशासन, सहयोग और यहां की उच्चस्तरीय शैक्षिक व्यवस्थाओं को दिया। लवांशी का कहना है कि वह सिर्फ चिकित्सक की डिग्री हासिल करने नहीं आईं उन्हें काबिल चिकित्सक के रूप में समाज की सेवा कर अपने माता-पिता की उम्मीदों को पूरा करना है।

कॉलेज की शिक्षा व्यवस्था तथा अनुशासन की तारीफ करते हुए लवांशी ने कहा कि मैं पिछले पांच साल से माता-पिता से दूर हूं लेकिन मुझे यहां जो पारिवारिक माहौल मिला उससे उनकी कमी कभी महसूस नहीं हुई। अंत में लवांशी ने कहा कि वह महामहिम राज्यपाल की मंशा को पूरा करते हुए यह मेडल अपनी मां के गले में जरूर डालेंगी तथा उनका आभार भी मानेंगी।

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