गीता और साक्षी शुरू करेंगी ‘कुश्ती चैम्पियंस सुपर लीग’

भारतीय कुश्ती महासंघ का इससे कोई लेना-देना नहींः संजय सिंह
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
ओलम्पिक पदक विजेता साक्षी मलिक और अमन सहरावत ने पूर्व विश्व चैम्पियनशिप कांस्य विजेता गीता फोगाट के साथ सोमवार को ‘कुश्ती चैम्पियंस सुपर लीग’ (डब्ल्यूसीएसएल) शुरू करने की घोषणा की। देश के उभरते पहलवानों के लिए आयोजित होने वाली इस लीग का समर्थन करने से हालांकि राष्ट्रीय महासंघ ने मना कर दिया है। भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह कहते हैं कि इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है।
साक्षी ने बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट के साथ मिलकर भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध का नेतृत्व किया था। बृजभूषण पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप है। हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले बजरंग और विनेश के कांग्रेस में शामिल होने के बाद साक्षी ने खुद को उन दोनों से अलग कर लिया।
ओलम्पिक पदक विजेता साक्षी ने सोशल मीडिया पर गीता के साथ इस लीग की घोषणा की। दोनों ने बताया कि इस लीग में उनके साथ पेरिस ओलम्पिक के कांस्य पदक विजेता अमन भी हैं। उन्होंने हालांकि अमन के इस लीग से जुड़ाव को लेकर विस्तार से जानकारी नहीं दी। गीता ने उम्मीद जताई की इस लीग के लिए उन्हें महासंघ और सरकार से समर्थन मिलेगा। गीता ने कहा, ‘साक्षी और मैं लम्बे समय से इस लीग की योजना बना रहे हैं। जल्द ही यह अंतिम रूप ले लेगा। 
गीता ने कहा कि हमने अभी तक भारतीय कुश्ती महासंघ से बात नहीं की है, लेकिन यह बहुत अच्छा होगा अगर महासंघ और सरकार हमारा समर्थन करें। यह पहली लीग होगी जिसका संचालन सिर्फ खिलाड़ी करेंगे।’ बृजभूषण के करीबी सहयोगी संजय सिंह के भारतीय कुश्ती महासंघ प्रमुख बनने के बाद कुश्ती से संन्यास लेने वालीं साक्षी ने कहा कि वह इस पहल के जरिये खेल को कुछ वापस देना चाहती हैं। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘आपके भरोसे को चुकाने का एकमात्र तरीका हमारी प्रतिभा, अनुभव, धैर्य और सफलता को खेल की सेवा में समर्पित करना है। इसलिए हम दोनों लीग के गठन के लिए एक साथ आए हैं।’
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा, ‘हम इसे मंजूरी नहीं देंगे। हम अपनी प्रो कुश्ती लीग को पुनर्जीवित कर रहे हैं। उम्मीद है कि यह जल्द ही शुरू हो जाएगी। पहलवान अपनी लीग करने के लिए स्वतंत्र हैं, वे खेल को बढ़ावा दे सकते हैं, लेकिन हम इससे नहीं जुड़ेंगे।’

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