एमपी की छोरी का पेरिस पैरालम्पिक में कमाल

रुबीना फ्रांसिस ने साधा कांसे पर निशाना
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
मध्य प्रदेश की निशानेबाज बेटी रुबीना फ्रांसिस ने पेरिस पैरालम्पिक में कांस्य पदक जीतकर अपना बचपन का सपना साकार कर लिया है। रूबीना फ्रांसिस ने बचपन में अपने आदर्श, ओलम्पिक पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग का अनुसरण करने का सपना देखा था, लेकिन सबसे बड़े मंच पर पदक जीतना उनके लिए बेहद मुश्किल लक्ष्य था क्योंकि उनके लिए अपने पैरों पर स्थिर खड़ा होना भी बहुत बड़ी बात थी। 
जबलपुर की 25 साल की रूबीना का जन्म टैलिप्स (पैर के निचले हिस्से में मुड़ाव होना) के साथ हुआ था। इसे आमतौर पर क्लब फुट के रूप में जाना जाता है। इस विकार के कारण उनके लिए निशानेबाजी जैसे खेल में महारत हासिल करना मुश्किल था। उसकी मुसीबत तब और भी बढ़ गईं, जब बैठकर सही से निशानेबाजी नहीं कर पा रही थीं। हालांकि उसने हिम्मत नहीं हारी और परिणाम सबके सामने है।
रुबीना फ्रांसिस का जन्म एक निम्न मध्यम वर्ग परिवार में हुआ था। रुबीना में पैर की विकलांगता है। उनके पिता साइमन फ्रांसिस मैकेनिक का काम करते हैं। आर्थिक तंगी के बावजूद रुबीना को उनके पिता ने शूटिंग में उनके जुनून को कम नहीं होने दिया। उन्होंने जैसे-तैसे करके रुबीना को इस खेल में आगे बढ़ाने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ी। रुबीना साल 2015 से शूटिंग कर रही हैं। उन्होंने भारत के दिग्गज गगन नारंग को देखकर शूटिंग करना शुरू किया था। आर्थिक बाधाओं के बावजूद रुबीना दृढ़ संकल्प के साथ 2017 में जबलपुर के गन फॉर ग्लोरी अकादमी में पहुंची थी।
यहां पर रुबीना ने जय प्रकाश नौटियाल के मार्गदर्शन में अपनी प्रतिभा को जल्दी ही दुनिया के सामने पेश कर दिया। गन फॉर ग्लोरी अकादमी में ही जसपाल राणा के मार्गदर्शन में रुबीना ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय पदक जीता। उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ 2018 में फ्रांस विश्व कप के दौरान आया, जहां रुबीना फ्रांसिस ने पैरालम्पिक कोटा हासिल किया था। उनकी सर्वोच्च उपलब्धि लीमा 2021 विश्व कप में आई, जहां उन्होंने पी2 श्रेणी में पैरालम्पिक कोटा हासिल किया था। इसके बाद उन्होंने 2021 टोक्यो पैरालम्पिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
पेरिस पैरालम्पिक में रुबीना की सफलता से कोच जेपी नौटियाल काफी खुश हैं। उन्होंने कहा, 'हमने उन्हें बैठाकर निशाना लगाने की कोशिश की लेकिन यह सही नहीं था।' इस समस्या से परेशान होकर ऐसा लग रहा था कि रूबीना को निशानेबाज बनने का अपना सपना छोड़ना होगा। उनके कोच ने हालांकि इस समस्या का हल निकाला। हमने उसे खड़े होकर निशानेबाजी करने के लिए प्रेरित किया और उसके लिए विशेष जूते लाए जिससे संतुलन बनाने में मदद मिली।'
रुबीना फ्रांसिस की उपलब्धियांः पैरालंपिक खेल (2020) - सातवां स्थान (पी2 - 10 मीटर एयर पिस्टल), एशियन पैरा गेम्स (2022) - कांस्य पदक (पी2 - 10 मीटर एयर पिस्टल), ओसिजेक विश्व कप (2023) - रजत पदक (पी2 - 10 मीटर एयर पिस्टल) और कांस्य पदक (पी5 - मिश्रित 10 मीटर एयर पिस्टल), चांगवोन विश्व कप (2023) - 2 रजत पदक (पी2 (टीम) - 10 मीटर एयर पिस्टल और पी5 - मिश्रित 10 मीटर एयर पिस्टल) और कांस्य पदक (पी2 - 10 मीटर एयर पिस्टल), चांगवोन विश्व कप (2022) - रजत पदक (पी2 (टीम) - 10 मीटर एयर पिस्टल) और 2 कांस्य पदक (पी2 - 10 मीटर एयर पिस्टल और पी6 मिश्रित टीम), शैटौरू विश्व कप (2022) - 1 स्वर्ण पदक (पी6 मिश्रित टीम), 2 रजत पदक (पी2 (टीम) - 10 मीटर एयर पिस्टल और पी5 - मिश्रित 10 मीटर एयर पिस्टल) और कांस्य (पी2 - 10 मीटर एयर पिस्टल)

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