यदि सही चयन होता तो विनेश की जगह शिवानी खेलती ओलम्पिक

एमपी की पहलवान बेटी ने चयन ट्रायल पर उठाई उंगली
शिवानी पवार ने कहा विनेश का पदक दौर से बाहर होना दुखद
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
ओलम्पिक खेलना हर किसी का सपना होता है। यही सपना मध्य प्रदेश की पहलवान बेटी शिवानी पवार तीन साल से देख रही है लेकिन चयन ट्रायल में पक्षपात कर उसे बाहर कर दिया जाता है। विनेश फोगाट मामले से शिवानी दुखी है उसका कहना है मैं तो बस इतना कहना चाहूंगी कि सिस्टम के हिसाब से चयन होना चाहिए ताकि ऐसी स्थिति न बने। 
पेरिस ओलम्पिक 2024 अपने चरम पर पहुंच चुका है। भारतीय खिलाड़ियों ने हर बार की तरह इस बार भी खेलों के महाकुंभ में अपने प्रदर्शन से अलग छाप छोड़ी है। कुश्ती में भारतीय पुरुष पहलवान अमन सहरावत ने शुक्रवार को कांस्य पदक जीता। इससे पहले महिला पहलवान विनेश फोगाट भी फाइनल में स्वर्ण पदक जीतने की दावेदार थीं, लेकिन आखिरी समय में तय वजन से 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस मामले ने सभी को हैरान कर दिया। अब इस मुद्दे पर भारत की महिला पहलवान शिवानी पवार ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि विनेश के फाइनल से बाहर होने पर वह दुखी हैं।
विनेश फोगाट के साथ हुए घटनाक्रम के बाद शिवानी पवार चर्चा में बनी हुई हैं। इसका सबसे बड़ा कारण उनका एक बयान है जिसमें उन्होंने ओलम्पिक के लिए ट्रायल प्रक्रिया को लेकर कुछ ऐसा खुलासा किया है जिसने सभी को हैरान कर दिया। इस विषय पर चर्चा से पहले हम आपको शिवानी पवार के विषय में बताएंगे। शिवानी पवार का जन्म मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के गांव उमरेठ में 11 दिसम्बर, 1998 को हुआ था। वह राष्ट्रीय कुश्ती चैम्पियन हैं। शिवानी के माता-पिता किसान हैं और खेती-बाड़ी से उनका घर चलता है। 
शिवानी बचपन से ही खेलों में रुचि रखती हैं। उन्होंने शुरुआत फुटबॉल से की थी। हालांकि, बाद में उनका ध्यान कुश्ती की तरफ बढ़ गया। एक इंटरव्यू के दौरान शिवानी की मां ने बताया था कि बेटी के कुश्ती लड़ने से उनके रिश्तेदार और पड़ोसी ज्यादा खुश नहीं थे। उन्होंने कहा, "पड़ोसी और दूसरे लोग थे जो हमसे कहते थे कि हमें अपनी लड़की को कुश्ती नहीं करने देना चाहिए। शिवानी को खेल इतना पसंद है कि उसने मुझसे कहा कि मैं कभी किसी से बात नहीं करुंगी जो मुझे कुश्ती छोड़ने के लिए कहता है।"
2021 में शिवानी ने सर्बिया के बेलग्रेड में अंडर 23 विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में महिलाओं के 50 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीता था। इस टूर्नामेंट में पदक जीतने वाली वह पहली भारतीय बनी थीं। उन्होंने कनाडा में विश्व पुलिस और फायर गेम्स के दौरान 50 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक भी जीता है। 2024 में उन्होंने एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में 50 किलोग्राम वर्ग में तीसरा स्थान हासिल किया था।
एशियन चैम्पियनशिप में उन्होंने तीन बार की विश्व चैम्पियनशिप की पदक विजेता पहलवान को पटखनी दी थी और पदक जीता था। शिवानी भी 50 किलोग्राम वर्ग में ही खेलती हैं। शिवानी बीते तीन साल से ओलम्पिक की तैयारी कर रही थीं, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला। किर्गिस्तान के बिश्चेक में हुई एशियाई महिला कुश्ती चैम्पियनशिप में उन्होंने 50 किलोग्राम वर्ग में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था। 
शिवानी ने विनेश के फाइनल से पहले बाहर होने पर निराशा जताई। उन्होंने कहा, विनेश फाइनल मुकाबला जीतने की योग्यता रखती थी, लेकिन वजन के कारण वह नहीं खेल पाईं। इसका बड़ा दुख है। वहीं, ट्रायल्स की प्रक्रिया पर चर्चा करते हुए शिवानी ने कहा, नियमों के हिसाब से ट्रायल्स के माध्यम से चयन होता तो कुश्ती में स्वर्ण पदक देश की झोली में होता। शिवानी ने आगे कहा, मैं किसी विवादों में पड़ना नहीं चाहती। मुझे अपने खेल पर फोकस करना है। विनेश के अयोग्य करार होने से भारत के मुकाबले से बाहर होने का दुख है। मैं तो बस इतना कहना चाहूंगी कि सिस्टम के हिसाब से चयन होना चाहिए, ताकि इस तरह की स्थिति न बने।
दरअसल, चयन मुकाबले के दौरान नियमों को दरकिनार करते हुए 50 किलोग्राम वजन के लिए मुकाबला चार घंटे रोक दिया गया था। तब शिवानी ने विरोध किया तो मुकाबला हुआ, लेकिन पांच अंक आगे रहने के बावजूद शिवानी को कम अंक दिए गए और विनेश को विजेता घोषित कर दिया। शिवानी ने इसके खिलाफ भारतीय कुश्ती संघ व भारतीय ओलम्पिक संघ में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, अब तक उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

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