यह पदक मेरा नहीं है, यह पूरे देश और महाराष्ट्र का हैः स्वप्निल

ओलम्पिक कांस्य पदक जीत बढ़ाया देश और महाराष्ट्र का मान
खेलपथ संवाद
पुणे।
पेरिस ओलम्पिक में 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशंस स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाले भारतीय निशानेबाज स्वप्निल कुसाले का बृहस्पतिवार को स्वदेश लौटने पर भव्य स्वागत किया गया और उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और कोच को दिया। कोल्हापुर के कुसाले पेरिस खेलों में चार व्यक्तिगत पदक विजेताओं में से एक हैं। ओलम्पिक कांस्य पदक विजेता स्वप्निल कुसाले को सम्मानित करते हुए केंद्रीय खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रक्षा खाडसे ने कहा कि आप देश का गौरव हो।
स्वदेश लौटने पर कुसाले का गर्मजोशी से स्वागत किया गया और वह भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए शहर के प्रसिद्ध दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर गए। उन्होंने बालेवाड़ी खेल परिसर में एक सम्मान समारोह के दौरान मीडिया से कहा, ‘यह पदक मेरा नहीं है, यह पूरे देश और महाराष्ट्र का है। यह मेरा समर्थन करने वाले सभी लोगों, सरकार और राष्ट्रीय महासंघ का है। मैं भाग्यशाली हूं कि मैं महाराष्ट्र को गौरवान्वित कर सका।’ कुसाले ने कहा, ‘मैं सबसे पहले बप्पा की पूजा करना चाहता था और आरती करना चाहता था। यह मेरा दूसरा घर है और मुझे यहां अच्छी नींद आती है।’

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