नीरज से 11 मुकाबलों के बाद जीते अरशद नईम
स्वर्ण पदक विजेता अरशद नदीम ने की नीरज चोपड़ा की तारीफ
नीरज का नदीम से 11 मुकाबलों में हुआ आमना-सामना
पहला मौका है जब नदीम ने नीरज को पीछे छोड़ा
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। भारतीय भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा से स्वर्ण पदक की उम्मीद थी। हालांकि, उन्होंने 89.45 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ दूसरा स्थान हासिल किया और रजत पदक जीता। वहीं, पाकिस्तान के दिग्गज भाला फेंक एथलीट अरशद नदीम ने इस मैच में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 92.97 के सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया। पिछले ओलम्पिक में वह पांचवें स्थान पर रहे थे जबकि नीरज ने स्वर्ण पदक जीता था। फाइनल मुकाबले के बाद पाकिस्तान के स्टार ने नीरज चोपड़ा को लेकर बात की।
पेरिस ओलम्पिक की भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने के बाद अरशद ने खुशी जताई कि नीरज चोपड़ा के साथ उनकी प्रतिद्वंद्विता चर्चा का विषय बनी हुई है। पाकिस्तान के स्टार का मानना है कि इससे दोनों देशों के युवाओं को प्रेरणा मिलेगी। दोनों का 11 मुकाबलों में आमना-सामना हो चुका है। यह पहला मौका है जब नदीम ने नीरज को पीछे छोड़ा है।
नदीम ने पांच लीगल थ्रो किए, इनमें से दो प्रयास उनके 90+ मीटर के रहे। नदीम का आखिरी प्रयास 91.79 मीटर का रहा। नदीम ने पहला प्रयास में फाउल किया था। वहीं, तीसरे प्रयास में उन्होंने 88.72 मीटर थ्रो, चौथे प्रयास में 79.40 मीटर थ्रो और पांचवें प्रयास में 84.87 मीटर थ्रो किया। 92.97 मीटर के थ्रो के साथ पाकिस्तान के अरशद नदीम ने नया ओलंपिक रिकॉर्ड भी बना दिया।
मुकाबले के बाद नदीम ने कहा, "जब क्रिकेट मैच या अन्य खेलों की बात होती है तो निश्चित तौर पर उसमें प्रतिद्वंद्विता शामिल होती है, लेकिन यह दोनों देशों के लिए अच्छी बात है जो हमारा और खेल के अपने आदर्श खिलाड़ियों का अनुसरण करके खेलों से जुड़ना चाहते हैं और अपने देश का नाम रोशन करना चाहते हैं।"
नदीम ने 32 साल बाद पाकिस्तान को पदक दिलाया है। इससे पिछला पदक पाकिस्तान ने साल 1992 में बार्सिलोना में हुए ओलंपिक में जीता था। तब पाकिस्तानी पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक अपने नाम किया था। पाकिस्तान को ओलंपिक में मिला यह चौथा स्वर्ण है। हालांकि, व्यक्तिगत स्पर्धा में नदीम पाकिस्तान के लिए स्वर्ण जीतने वाले पहले एथलीट हैं।
नदीम ने आगे कहा, "मैं अपने देश का आभारी हूं। हर किसी ने मेरे लिए दुआ की और मुझे अच्छा प्रदर्शन करने की पूरी उम्मीद थी। पिछले कुछ समय से में घुटने की चोट से परेशान था लेकिन इससे उबरने के बाद मैंने अपनी फिटनेस पर काम किया। मुझे 92.97 मीटर से आगे भाला फेंकने की पूरी उम्मीद थी लेकिन आखिर में वह प्रयास स्वर्ण पदक जीतने के लिए पर्याप्त साबित हुआ।"
नदीम ने बताया कि पहले वह क्रिकेटर बनना चाहते थे। इसके अलावा उन्होंने टेबल टेनिस में भी हाथ आजमाया था। उन्होंने कहा, "मैं पहले क्रिकेटर था और मैंने टेबल टेनिस भी खेली है और मैं एथलेटिक्स की अन्य प्रतियोगिताओं में भी भाग लेता था। लेकिन मेरे कोच ने कहा कि जिस तरह की मेरी शारीरिक बनावट है उससे मैं भाला फेंक का अच्छा एथलीट बन सकता हूं। इसके बाद 2016 से मैंने अपना पूरा ध्यान भाला फेंक पर लगाया।"