लक्ष्य सेन को पेरिस ओलम्पिक पदक न जीत पाने का मलाल
उदीयमान शटलर बोला- मेरे लिए जवाब ढूंढ़ना मुश्किल
खेलपथ संवाद
पेरिस। भारत की बैडमिंटन में पदक की एकमात्र उम्मीद लक्ष्य सेन की हार से खत्म हो गई। सोमवार को मलयेशिया के ली जी जिया ने भारतीय स्टार को हराकर कांस्य पदक अपने नाम कर लिया। इस मैच में हार के बाद लक्ष्य ने निराशा जताई और कहा कि इस हार पर मैं कुछ नहीं कह सकता। मुझे पदक न जीत पाने का अफसोस है।
पहला गेम भारतीय शटलर ने 21-13 से अपने नाम किया था। इसके बाद दूसरे गेम में एक वक्त लक्ष्य ने 8-2 की बढ़त बना ली थी। हालांकि, इसके बाद मलयेशियाई खिलाड़ी ने जबरदस्त वापसी की और 11-8 से बढ़त बनाने के बाद दूसरे गेम को 21-16 से अपने नाम किया। इसके बाद तो तीसरे और निर्णायक गेम में ली जिया पूरी तरह हावी रहे और 21-11 से अपने नाम किया। साथ ही मैच के साथ-साथ कांस्य पदक भी अपने नाम किया।
मुकाबले के बाद लक्ष्य सेन ने बताया कि मलयेशियाई खिलाड़ी के शॉट्स का जवाब देना उनके लिए मुश्किल था। उन्होंने कहा, "मैंने इस मैच की शुरुआत वास्तव में अच्छी की लेकिन मैं बढ़त बरकरार नहीं रख सका और फिर जब उसने अच्छा खेलना शुरू किया तो मेरे लिए रैलियों का जवाब ढूंढना मुश्किल हो गया। कुल मिलाकर परिणामों से थोड़ा निराश हूं।" यह लगातार दूसरा मैच था जब लक्ष्य ने बेहतर स्थिति में होने के बावजूद मैच गंवा दिया।
रविवार को भी लक्ष्य ने पहले गेम में तीन गेम प्वाइंट गंवाए और फिर दूसरे गेम में विक्टर एक्सेलसन के खिलाफ 7-0 की बढ़त गंवाकर मैच भी गंवा दिया। वह ओलम्पिक पदक जीतने वाला पहला भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बनने के लिए चुनौती पेश कर रहे थे और ये दो हार उन्हें लंबे समय तक परेशान करेंगी। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता। मैं वास्तव में नहीं जानता कि दोनों की तुलना कैसे की जाए। दोनों वास्तव में महत्वपूर्ण मैच थे और मुझे नहीं पता। ऐसे समय में आपको मानसिक रूप से बहुत मजबूत होना पड़ता है। उन्हें श्रेय जाता है कि उन्होंने दूसरे हाफ में ठोस खेल दिखाया।"