क्या मुक्केबाज निशांत के साथ पेरिस में हुई बेईमानी
फैंस का सवाल- देव ने विपक्षी मुक्केबाज को खूब धोया, फिर कैसे हार गए?
अब लवलीना बोरगोहेन ही बचा सकती हैं मुक्केबाजी में भारत की लाज
खेलपथ संवाद
पेरिस। पहले दो बाउट में बढ़त बनाने के बावजूद भारतीय मुक्केबाज निशांत देव पेरिस ओलम्पिक में पुरूषों के 71 किलोवर्ग के क्वार्टर फाइनल में मैक्सिको के मार्को वेरडे से हारकर बाहर हो गए। हालांकि उनकी हार को उनके चाहने वाले पचा नहीं पा रहे तथा सवाल कर रहे हैं कि जब देव ने विपक्षी मुक्केबाज को खूब धोया, फिर वह कैसे हार गए? वेल्टरवेट के इस मुकाबले में विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता निशांत ने अच्छी शुरूआत की, लेकिन बंटे हुए फैसले के आधार पर उन्हें 1-4 से पराजय का सामना करना पड़ा।
निशांत देव को पदक पक्का करने के लिये यह मुकाबला जीतना जरूरी था। अब पेरिस ओलम्पिक में मुक्केबाजी में भारत की चुनौती टोक्यो ओलम्पिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन के रूप में ही बची है जो महिलाओं के 75 किलो वर्ग में चीन की लि कियान से रविवार को खेलेंगी। हालांकि, निशांत के हारने पर सोशल मीडिया पर खूब बवाल हो रहा है। फैंस इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि विपक्षी मुक्केबाज की जमकर धुनाई करने वाले निशांत को आखिरकार हार कैसे मिली। निशांत पूरे मैच के दौरान वेरडे पर हावी दिखे थे। उनके कुछ पंच तो वेरडे सह तक नहीं सके थे। इसके बाद भी जजों यानी पंचों ने फैसला मैक्सिकन मुक्केबाज के पक्ष में सुनाया।
मुक्केबाजी में ओलंपिक कांस्य जीत चुके विजेंदर सिंह और अभिनेता रणदीप हुड्डा ने भी बाउट के दौरान स्कोरिंग सिस्टम पर सवाल खड़े किए हैं। 23 साल के निशांत ने पहला राउंड जीता था, लेकिन अगले दो राउंड में नतीजा वेरडे के पक्ष में रहा था, जबकि निशांत ज्यादा हावी दिखे थे। ओलंपिक 2008 के कांस्य पदक विजेता विजेंदर ने निशांत को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए तारीफ की और मैच में स्कोर करने की प्रणाली पर सवाल उठाए।
विजेंदर ने एक्स पर लिखा- 'मुझे नहीं पता कि स्कोरिंग सिस्टम क्या है, लेकिन मुझे लगता है कि बहुत करीबी लड़ाई थी। निशांत ने इतना अच्छा खेला.. कोई ना भाई।' अभिनेता रणदीप हुड्डा का मानना है कि निशांत को बाहर कर उनसे ओलंपिक पदक लूट लिया गया है। उन्होंने एक्स पर लिखा था, 'निशांत ने इस मैच को जीता था। मैक्सिकन मुक्केबाज की जमकर धुनाई की थी। यह स्कोरिंग क्या है? पदक लूट लिया, लेकिन हमारे मुक्केबाज ने दिल जीत लिया। दुखद है!! अभी कई और मेडल आने हैं छोरे!!
किस प्रकार चला मैच?
मैच की बात करें तो मुक्केबाजी में कुल तीन राउंड खेले जाते हैं और हर राउंड के बाद पांच जजों की बेंच अपने-अपने स्कोर बताती है। उन्हें दोनों मुक्केबाज को 10 में से अंक देने होते हैं। पहले राउंड में निशांत को चार जज ने 10 दिए और एक ने नौ दिया, जबकि वेरडे को चार जज ने नौ अंक दिए और एक ने 10 दिया था। पहले राउंड के बाद निशांत आगे थे। निशांत ने दूसरे राउंड में भी तीव्रता के साथ खेलना जारी रखा और सीधे जैब किया और वेरडे इसे कवर करने में विफल रहे। वेरडे ने दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन निशांत के पंच से बच नहीं सके। दूसरे राउंड के बाद दो जज ने निशांत को 10 और तीन ने नौ अंक दिए, जबकि वेरडे को तीन जज ने 10 और दो ने नौ अंक दिए। यह बाउट वेरडे के नाम रहा। तीसरे राउंड में सभी जज ने मिलकर वेरडे को 10 अंक दिए, जबकि निशांत को नौ अंक ही मिले।