मैंने कोशिश की लेकिन नाकाफी थी: मनु भाकर
शूटर बेटी ने कहा- कोई बात नहीं, अगली बार सही
मां सुमेधा ने कहा- हर घर में मनु जैसी बेटी पैदा हो
खेलपथ संवाद
पेरिस। महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में मनु भाकर पदक से चूक गईं। वह चौथे स्थान पर रहीं और हंगरी की वेरोनिका के साथ वर्चुअल नॉकआउट में हारकर बाहर हो गईं। हार के बाद मनु भावुक हो गईं। उन्होंने ऑफिशियल ब्रॉडकास्टर से बातचीत में कहा- मैं नर्वस थी। मैं एक समय में एक शॉट की तैयारी कर रही थी और उस पर ध्यान दे रही थी, लेकिन मेरे लिए यहां कुछ अच्छा नहीं रहा। मैं आगे भी भारत के लिए पदक जीतने की कोशिश करूंगी। मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और खुद को शांत रखने की कोशिश की, लेकिन यह काफी नहीं था।
मनु ने कहा- मैं खुश हूं की दो पदक जीत पाई, लेकिन फिलहाल इस स्पर्धा के बाद मैं खुश नहीं हूं, क्योंकि चौथा स्थान अच्छा नहीं है।' मनु ने कहा- ईमानदारी से कहूं तो मैं सोशल मीडिया पर नहीं हूं और फोन चेक नहीं कर रही हूं। बाकी स्पर्धाओं में मैंने अच्छा किया, लेकिन यहां अच्छा नहीं कर पाई। जब मेरा मैच खत्म हो गया तो मैंने कहा कि कोई नहीं अब अगली बार।
मनु पिछले काफी समय से अलग-अलग स्पर्धाओं की तैयारी की वजह से लंच नहीं कर पाई थी। अब उनकी सारी स्पर्धाएं खत्म हो चुकी हैं। उन्होंने कहा- मैं अब जाकर लंच करूंगी क्योंकि पिछले कुछ दिनों से मैं लंच नहीं कर पा रही थी। मैंने इस इवेंट के लिए बाकी इवेंट से ज्यादा बेहतर तैयारी की थी। मैंने पर्दे के पीछे काफी मेहनत की है। सिर्फ मैं नहीं, मेरे साथ काफी लोगों ने मेहनत की है। मैं खुश हूं कि मेरे इस सफर में मेरी टीम ने मेरा काफी साथ दिया और मेरे साथ मेहनत की है। इसके अलावा स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया, पीएम मोदी, शूटिंग फेडरेशन और मेरे कोच जसपाल राणा सर, सबने मेरी काफी मदद की है। मैं टीम इंडिया को ऑल द बेस्ट कहती हूं और भारत आगे और पदक जीतेगा।
यह पूछे जाने पर कि आप जब मेडल इवेंट में होती हैं तो आपकी मां कभी मैच नहीं देखतीं। आप मां के लिए क्या कहना चाहेंगी? मनु ने कहा, 'मैं मां से कहना चाहूंगी कि आपने जो भी त्याग किए, उसके लिए मैं आभारी हूं। आपका बहुत बहुत शुक्रिया और आप एक स्वस्थ जीवन जिएं और मैं आपसे बहुत प्यार करती हूं।' ऑफिशियल ब्रॉडकास्टर ने मनु की मां सुमेधा भाकर से भी बातचीत की। उन्होंने कहा, 'बस मेरी बच्ची खुश रहे। मनु ने बहुत अच्छा खेला है और इतिहास में नाम दर्ज करवा दिया। इससे बड़ी बात क्या हो सकती है।
हर घर में मनु जैसी बेटी पैदा हो और भारत के लिए पदक जीतकर लाए, मैं यही कहना चाहूंगी। उसने जन्म से लेकर अब तक हमें गौरवान्वित ही किया है। उसने जो कर दिखाया है और जो त्याग किए हैं, एक मां ही इसका अंदाजा लगा सकती है। अभी भी (25 मीटर स्पर्धा) आखिरी तक लड़ती रही है। बहुत बहुत शुक्रिया मनु ,तुमने कर दिखाया है।' मनु की मां सुमेधा यह कहते-कहते भावुक हो गईं और उनकी आंखों में खुशी के आंसू थे।