खुशी मिली इतनी कि मन में न समाय
मनु की मां बोलीं- खुशी से मुझे हार्ट अटैक हो सकता था
मैंने नहीं देखा मनु का मुकाबला, प्रार्थना कर रही थी
खेलपथ संवाद
सूरजकुंड। आज हर भारतवासी बिटिया मनु की ऐतिहासिक कामयाबी से खुश है। उसने काम ही अद्भुत और अकल्पनीय किया है। एक ओलम्पिक में दो मेडल जीतने वाली वह आजाद भारत की पहली खिलाड़ी है। मनु की मां सुमेधा ने कहा कि बेटी के दूसरे पदक के बारे में सुनकर खुशी के मारे उन्हें हार्ट अटैक हो सकता था। उन्होंने कहा, ‘मैं प्रार्थना कर रही थी कि आज जलते अंगारों पर भी चलना पड़े तो मैं चलूंगी, बस मेरी बेटी कामयाब हो जाए। मैंने मुकाबला नहीं देखा।
पड़ोसियों ने आकर बधाई दी और बताया कि मनु ने एक और पदक जीत लिया है।’ मनु के पिता रामकिशन ने कहा, ‘मेरे पास शब्द नहीं हैं। यह देश के लिये बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कोच जसपाल राणा की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘मनु के प्रयासों और जसपाल के आशीर्वाद से मनु को कामयाबी मिली।’ इस ऐतिहासिक सफलता मनु का कहना है कि मैं बहुत ही गर्व महसूस कर रही हूं। सभी को शुभकामनाओं के लिये धन्यवाद। मैंने और मेरे जोड़ीदार ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके अंत तक जुझारूपन नहीं छोड़ा। निशानेबाजी में धैर्य बहुत जरूरी है। दिल तेजी से धड़कता है।