हम पेरिस से खाली हाथ नहीं लौटेंगेः जरमनप्रीत सिंह
इच्छा उनकी मां पेरिस में देखें भारतीय हॉकी टीम का खेल
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। टोक्यो ओलम्पिक के लिए जगह बनाने से चूकने वाले भारतीय पुरुष हॉकी टीम के डिफेंडर जरमनप्रीत सिंह पेरिस खेलों से ओलम्पिक में पदार्पण करने के लिए तैयार हैं। जरमनप्रीत ने इससे पहले एक विशेष इच्छा जाहिर की और बताया कि वह अपनी मां कुलविंदर कौर को पेरिस में उन्हें पदार्पण करते देखना चाहते हैं। जरमनप्रीत विश्व कप, चैम्पियंस ट्रॉफी और एशियाई खेल जैसे बड़े टूर्नामेंटों का हिस्सा रहे हैं।
नीदरलैंड के ब्रेडा में 2018 चैम्पियंस ट्रॉफी में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम में पदार्पण करने के बाद से वह 106 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं। वह हांगझोउ एशियाई खेल 2023 में स्वर्ण और राष्ट्रमंडल खेल 2022 में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। जरमनप्रीत को 2016 से 2018 के बीच डोपिंग मामले में दो साल का प्रतिबंध झेलना पड़ा था, लेकिन उससे उबर कर उन्होंने वापसी की और जूनियर विश्व कप खेलने का मौका चूकने के बाद अब ओलम्पिक खेलने जा रहे हैं।
जरमनप्रीत ने कहा, मैं कोशिश कर रहा हूं कि अपनी मां को पेरिस ओलम्पिक दिखा सकूं। उन्हें गर्व हो कि उनका बेटा सबसे बड़ा टूर्नामेंट खेल रहा है। मैं हर मैच से पहले मां से बात करता हूं। उनको हॉकी के बारे में कुछ नहीं पता लेकिन मुझे कहती हैं कि ऐसे खेलना, वैसे खेलना। वह मेरी पहली कोच होती हैं। मैने चेन्नई में एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी देखने उनको बुलाया था। यूं तो मैंने विश्व कप, चैम्पियंस ट्रॉफी, एशियाई खेलों में भाग लिया है लेकिन ओलम्पिक पहला है। ओलम्पिक का दबाव अलग ही होता है जिसमें पूरी दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमें आती हैं।
उन्होंने कहा कि वह सकारात्मक सोच के साथ पेरिस जा रहे हैं और उन्हें अपने अनुभव और मानसिक दृढ़ता पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा, दबाव की वैसे कोई बात नहीं है क्योंकि इन टीमों के साथ काफी मैच खेल चुके हैं। हम सकारात्मक सोच के साथ ही जा रहे हैं। हमारा जवाबी हमला सर्वश्रेष्ठ है और हम रफ्तार से हॉकी अच्छी खेल खेल रहे हैं। हम इस पर ही जोर देंगे कि काउंटर पर ज्यादा खेलें। हमने ओलम्पिक से पहले प्रो लीग में आठ मैच खेले और ऑस्ट्रेलिया से भी टेस्ट खेला जिसमें काफी कुछ सीखने को मिला। मुझे यकीन है कि हम पेरिस से खाली हाथ नहीं लौटेंगे।