एथलीट को लोकप्रियता के बारे में नहीं सोचना चाहिएः नीरज चोपड़ा

विराट कोहली या महेन्द्र सिंह धोनी से खुद की तुलना कभी नहीं की
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारत के स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने कहा कि उन्होंने कभी अपनी लोकप्रियता की तुलना क्रिकेटरों से नहीं की क्योंकि वह जानते हैं कि भारत में क्रिकेट का स्तर अलग है। इस बात पर काफी चर्चा होती है कि अन्य खेलों की उपलब्धियां भारत में क्रिकेट के सामने छुप जाती हैं। हाल ही में महिला बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने इस मामले को लेकर चिंता जताई थी जिस पर काफी विवाद हुआ था, लेकिन नीरज की राय इस मामले में अलग है। 
टोक्यो ओलम्पिक के स्वर्ण पदक विजेता नीरज ने इस मामले में अपने विचार साझा किए और कहा कि एक एथलीट को खेल को अपनाने से पहले लोकप्रियता, पैसा या अन्य चीजों के बारे में नहीं सोचना चाहिए। उन्होंने कहा, मुझे हमेशा से पता था कि क्रिकेट का स्तर अलग है और जो लोकप्रियता क्रिकेटर को मिलती है वो अन्य खेलों के किसी एथलीट को नहीं मिल सकती। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मेरे पास क्रिकेट के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। मैं हमेशा से भाला फेंक खिलाड़ी बनना चाहता था क्योंकि मैं इसे पसंद करता था। मुझे नहीं पता था कि मैं ओलम्पिक स्वर्ण पदक जीतूंगा। मैंने इस खेल को इसलिए चुना क्योंकि मैं इसे पसंद करता था। 
नीरज ने कहा कि उन्होंने कभी विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी जैसे स्टार क्रिकेटरों के साथ तुलना नहीं की। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि ओलम्पिक के बाद लोगों ने उन्हें जानना शुरू किया। नीरज ने कहा, मैंने कभी कोहली या धोनी के साथ खुद की तुलना नहीं की क्योंकि मैं इस वास्तविकता से परिचित हूं कि भारत में मैं क्या हूं। हां, ओलम्पिक के बाद लोगों ने मुझे जानना शुरू किया, लेकिन मुझे पता है कि मेरे और क्रिकेटरों की लोकप्रियता में क्या अंतर है। क्रिकेट देश के हर गली में खेला जाता है और यह ऐसा नहीं कि इसी तरह लोग भाला फेंक का अभ्यास करते हैं। नीरज चोपड़ा अब 26 जुलाई से शुरू हो रहे पेरिस ओलम्पिक में हिस्सा लेंगे और उनके सामने टोक्यो के प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती होगी। नीरज पेरिस में 29 सदस्यीय भारतीय एथलेटिक्स दल की अगुआई करेंगे और उनसे एक बार फिर स्वर्ण पदक जीतने की आस रहेगी। 

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