मैग्नस कार्लसन बने विजेता, विश्वनाथन आनंद को तीसरा स्थान
कासाब्लांका चेस वैरिएंट: विश्वनाथन ने मैग्नस से दूसरी बाजी ड्रॉ खेली
खेलपथ संवाद
कासाब्लांका (मोरक्को)। पांच बार के विश्व चैम्पियन और विश्व नम्बर एक नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन ने कासाब्लांका चेस वैरिएंट टूर्नामेंट जीत लिया है। वहीं, पांच बार के विश्व विजेता भारतीय ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद तीसरे स्थान पर रहे। आनंद की टूर्नामेंट में कार्लसन के साथ दूसरी बाजी ड्रॉ समाप्त हुई।
आनंद ने मिस्र के अमीन बासेम को हराया। यह उनकी टूर्नामेंट में एकमात्र जीत रही। कार्लसन ने छह दौर में साढ़े चार और आनंद ने तीन अंक हासिल किए। अमेरिका के हिकारु नाकामुरा साढ़े तीन अंक के साथ दूसरे और बासेम एक अंक के साथ चौथे और अंतिम स्थान पर रहे। यह अनोखा टूर्नामेंट नए प्रयोग पर आधारित था। इसमें शतरंज की दुनिया के ऐतिहासिक मुकाबलों की बराबरी की पोजीशन को चारों खिलाडिय़ों के सामने रखा गया। उन्हें दी गई पोजीशन से खेल शुरू कर मुकाबला आगे बढ़ाना था।
पहले दौर में कार्लसन ने आनंद को हराया था, लेकिन दूसरे दौर में अलेक्जेंडर अल्काइन और डॉ. मैक्स यूवे के बीच 1935 में हुई विश्व चैंपियनशिप की तीसरी बाजी की पोजीशन को लिया। आनंद यहां सफेद मोहरों से बेहतर स्थिति में थे, लेकिन कार्लसन ने अपने रुक (हाथी) का बलिदान देते हुए बाजी को ड्रॉ की ओर मोड़ दिया। पांचवें दौर में नाकामुरा और आनंद की बाजी भी ड्रॉ रही, वहीं कार्लसन ने अमीन को हराया। छठ दौर में कार्लसन-नाकामुरा ने ड्रॉ खेला और आनंद ने अमीन को हराया। कार्लसन ने जीत के बाद कहा कि यह एक मनोरंजक प्रारूप था। वह इसे दोबारा जरूर आजमाना चाहेंगे। मजेदार बात यह थी कि यहां यह फर्क नहीं पड़ रहा था कि आप सफेद या काले मोहरों से खेल रहे हैं, क्योंकि पोजीशन बराबरी वाली थीं और दोनों के ही पास समान मौके थे।