मेरठ की बेटी रूपल चौधरी की मेहनत लाई रंग
किसान पिता और मां के संघर्ष से बेटी के सपनों को लगे पंख
खेलपथ संवाद
मेरठ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मेरठ खिलाड़ियों की खान है। यहां से एक से एक बेजोड़ एथलीट निकल रहे हैं। पारुल और रूपल जैसी बेटियां उत्तर प्रदेश ही नहीं हिन्दुस्तान का अभिमान हैं। रूपल चौधरी ने 400 मीटर मिक्स रिले वूमेन में पेरिस ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। भारत की टीम दूसरे नम्बर पर रही है। भारतीय महिला चार गुणा 400 मीटर रिले टीम ने सोमवार को विश्व एथलेटिक्स रिले में दूसरे दौर की हीट में दूसरे स्थान पर रहने के बाद पेरिस ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई किया।
यह रूपल चौधरी के माता-पिता की मेहनत का ही नतीजा है कि उसने परिस ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर देशभर में नाम रोशन किया है। रूपल ने वर्ष 2017 में कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम आना शुरू किया था। उस वक्त रूपल महज 14-15 वर्ष की थी। इतनी छोटी उम्र में उसने खेलना शुरू कर दिया था। उनके पिता ओमवीर सिंह और मां ममता भी रूपल की एथलीट बनने की जिद के आगे हार मान गए थे। उन्होंने बेटी को आगे बढ़ाने के लिए काफी संघर्ष किया। रूपल को रोज गांव से स्टेडियम लाना और फिर ले जाना, ये सब उनके पिता करते थे।
मां रूपल के खाने पीने का ध्यान रखती थीं। पिता ने बताया कि वह हाईस्कूल स्तर की प्रतियोगिताओं में भी प्रतिभाग करती रही। वर्ष 2017 में उसने स्टेडियम में प्रशिक्षण प्राप्त करना शुरू किया। इसके बाद से लगातार नेशनल और इंटरनेशनल लेवल की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर पदक प्राप्त कर मेरठ सहित पूरे देश का नाम रोशन कर रही है। वह अब भुवनेश्वर से बीए कर रही है। रूपल के दो भाई-बहन हैं। उनका बड़ा भाई परमजीत यूपी पुलिस में है।
बीते वर्षों में घुटने की चोट के कारण भी रूपल को परेशान होना पड़ा था। इसके बावजूद वह मायूस नहीं हुई और अपने लक्ष्य पर केंद्रित रही। उसने मेरठ को छोड़ मुंबई में रिलायंस फाउंडेशन के तकनीकी विकास केंद्र में जेम्स हीलर कोच की निगरानी में अभ्यास किया। इसका परिणाम सामने है। पिछले एक वर्ष से वह मेरठ से बाहर ही प्रशिक्षण ले रही थी। जिला एथलेटिक्स संघ के सचिव अनू कुमार ने बताया कि रूपल ने जिले की किसी भी प्रतियोगिता में भाग लेने से अपनी दूरी नहीं बनाई बल्कि पूरे मन के साथ प्रतिभाग किया। उन्होंने रूपल को फोन पर बधाई दी। रूपल ने उन्हें बताया कि यह पहली बार था जब उन्होंने रिले रेस को स्टार्ट किया, अन्यथा वह हमेशा दूसरे, तीसरे या चौथे नम्बर पर दाैड़ी थी।
ये हैं रूपल चौधरी की प्रमुख उपलब्धियांः -जूनियर वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2022 में 400 मीटर दौड़ में कांस्य पदक, 4 गुणा 400 मीटर मिक्स रिले में रजत पदक, जूनियर वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में दो पदक प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी, 61वीं नेशनल इंटर स्टेट एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2022 में 400 मीटर दौड़ में रजत पदक, 4 गुणा 400 मीटर मिक्स रिले में स्वर्ण पदक, 81वीं ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 400 मीटर दौड़ में रजत पदक, 400 मीटर हर्डल रेस में रजत पदक, 36वीं जूनियर नेशनल एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2021 में 400 मीटर में कांस्य पदक, तीसरी ओपन 400 मीटर नेशनल एथलेटिक्स चैम्पियनशिप अंडर 18 में 400 मीटर में स्वर्ण पदक, 35वीं जूनियर नेशनल एथलेटिक्स चैम्पियनशिप अंडर 16 में 400 मीटर में स्वर्ण पदक।