ग्वालियर की होनहार मुक्केबाज की आत्महत्या ने छोड़े कई सवाल

आदिश्री शिंदे  ने पत्र में लिखा- मम्मी-पापा आपने मेरे लिए बहुत कुछ किया
खेलपथ संवाद
रोहतक।
ग्वालियर की होनहार मुक्केबाज आदिश्री शिंदे अब दुनिया में नहीं है। वह ओलम्पिक रिंग में उतरने का सपना लेकर हरियाणा के रोहतक गई थी। 14 दिन बाद ही उसका फांसी के फंदे पर झूलना कई सवाल खड़े करता है। ग्वालियर में खेलों की दृष्टि से बहुत कुछ है, यदि इस बेटी को खेल सुविधाएं मिलतीं तो शायद वह कभी हरियाणा नहीं जाती। मध्य प्रदेश सरकार बेटियों को आगे बढ़ाने के लाख कसीदे गढ़े लेकिन उदीयमान मुक्केबाज आदिश्री शिंदे की मौत तो राजनीतिज्ञों की हर बात को मिथ्या साबित कर रही है।
16 वर्षीय आदिश्री शिंदे ने मध्यप्रदेश में 2023 में हुई राज्यस्तरीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में रजत पदक जीता था। उसके सपने बड़े थे, उन्हें पूरा करने के लिए ही तो वह हरियाणा गई थी। उसने 22 अप्रैल को ही रोहतक की एक प्राइवेट बॉक्सिंग अकादमी में दाखिला लिया था। अब सवाल यह उठता है कि इतने कम समय में ही आखिर उसने रोहतक के एक प्राइवेट पीजी में रविवार रात को आत्महत्या क्यों की? 
सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव पिता रणजीत शिंदे को सौंप दिया। नम आंखों से पिता ने कहा, आदिश्री से मेरे बहुत सपने जुड़े थे। वह मेरी इकलौती संतान थी। कहती थी कि पिता जी, एक दिन देश के लिए ओलम्पिक में मेडल जीतकर लाऊंगी। पता नहीं था, जिस पदक को पाने के लिए 14 दिन पहले बेटी को छोड़ने आया था, अब उसका शव लेकर जा रहा हूं। 
पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें आदिश्री की तरफ से लिखा हुआ है कि मम्मी-पापा आप दोनों ने मेरे लिए बहुत कुछ किया। मैं जा रही हूं, मुझे माफ कर देना। सुसाइड नोट में आदिश्री ने आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं किया है। न ही पिता ने पुलिस को दिए बयानों में वजह बताई। केवल इतना कहा कि उसकी बेटी ने अज्ञात कारणों के चलते यह कदम उठाया है। यह अज्ञात कारण क्या हो सकते हैं, यह तो सिर्फ मृतका को ही पता था। एक होनहार बेटी की मौत से यह तो पता चलता ही है कि संचालनालय खेल झूठ की बुनियाद पर टिका हुआ है, उसे अपने होनहारों की कोई परवाह नहीं है।
मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एकता कालोनी निवासी 16 वर्षीय आदिश्री पुत्री रणजीत सिंधे निजी बॉक्सिंग एकेडमी में प्रैक्टिस करने के लिए आई थी। स्वजनों ने उसे आजादगढ़ में एक पीजी में दाखिला दिला दिया। उसके साथ कई अन्य युवतियां भी थीं, लेकिन रविवार को छुट्टी होने के चलते अपने घर गई हुई थीं। पीजी में वह अकेली थी। रोहतक पुलिस को कमरे में जो सुसाइड नोट मिला है। उसमें मृतका ने लिखा कि मम्मी- पापा मुझे माफ करना, मेरी खेलों में रूचि नहीं है। पुलिस मानकर चल रही है कि इसी कारण उसने सुसाइड किया है। लगता है कि स्वजन उसका खेलों में करियर बनाना चाहते थे, लेकिन वह किसी अन्य क्षेत्र में जाना चाहती थी।
खैर, रोहतक पुलिस के मुताबिक रविवार रात करीब पौने नौ बजे सूचना मिली कि आजादगढ़ स्थित पीजी में एक लड़की का शव फंदे से लटका हुआ है। सूचना पाकर नया बस स्टैंड पुलिस चौकी प्रभारी एएसआई पंकज मौके पर पहुंचे। एफएसएल एक्स्पर्ट डॉक्टर सरोज दहिया को बुलाया गया। जांच पड़ताल के बाद रात को शव पीजीआई के डेड हाउस में रखवा दिया गया। सोमवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद पिता को सौंप दिया गया। ग्वालियर निवासी रंजीत शिंदे ने कहा कि मेरी बेटी ने आत्महत्या क्यों की, मुझे पता नहीं। न ही मुझे किसी पर शक है। मैं तो बेटी को बॉक्सिंग अकादमी में दाखिला दिलाकर गया था। 14 दिन बाद उसका शव लेकर जा रहा हूं। 

 

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