विनेश का भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष पर गंभीर आरोप

कहा- मुझे ओलम्पिक खेलने से रोकना चाहता है डब्ल्यूएफआई
डोपिंग की साजिश रचे जाने की भी आशंका जताई
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारत की दिग्गज महिला पहलवान विनेश फोगाट ने शुक्रवार को भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह पर गंभीर आरोप लगाया है। विनेश का कहना है कि डब्ल्यूएफआई और उनके सहयोगी स्टाफ मान्यता पत्र जारी नहीं करके उन्हें हर हालत में ओलम्पिक खेलने से रोकना चाहता है, जबकि महासंघ का दावा है कि समय सीमा खत्म होने के बाद विनेश ने आवेदन किया था।
विनेश ने अपने खिलाफ डोपिंग की साजिश रचे जाने की भी आशंका जताई। 29 वर्ष की विनेश ने 2019 और 2022 विश्व चैम्पियनशिप में 53 किलो में कांस्य और 2018 एशियाई खेलों में 50 किलो में स्वर्ण पदक जीता था। वह अगले सप्ताह किर्गिस्तान के बिश्केक में होने वाले एशियाई क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के जरिए 50 किलो में ओलम्पिक कोटा हासिल करना चाहती हैं। पटियाला में चयन ट्रायल में उन्होंने 53 किलो वर्ग में भी भाग लिया था, लेकिन सेमीफाइनल में हार गई थीं।
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने कहा कि कोच और फिजियो को मान्यता पत्र जारी करने के लिए विनेश का ईमेल 18 मार्च को मिला, लेकिन तब तक युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग को खिलाड़ियों, कोचों और मेडिकल स्टाफ की सूची भेजी जा चुकी थी। रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 11 मार्च थी। एक अधिकारी ने कहा कि महासंघ ने 15 मार्च को प्रविष्टियां भेजीं क्योंकि यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने उसके अनुरोध पर कुछ दिन की रियायत दी थी। यह रियायत इसलिए मांगी गई थी क्योंकि समय सीमा खत्म होने के आखिरी दिन ही ट्रायल पूरे हुए थे।
विनेश ने एक्स पर लम्बी पोस्ट में लिखा- बृजभूषण और उनेके द्वारा बिठाया गया डमी संजय सिंह हर तरीके से प्रयास कर रहे हैं कि कैसे मुझे ओलंपिक में खेलने से रोका जा सके। जो टीम के साथ कोच लगाए गए हैं, वे सभी बृजभूषण और उनकी टीम के चहेते हैं तो इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि वो मेरे मैच के दौरान मेरे पानी में कुछ मिला कर पिला दें। उन्होंने कहा- अगर मैं ऐसा कहूं कि मुझे डोप में फंसाने की साजिश हो सकती है तो गलत नहीं होगा। हमें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। इतनी महत्वपूर्ण स्पर्धा से पहले हमारे साथ ऐसे मानसिक उत्पीड़न कहां तक जायज है।
विनेश ने कहा- 19 अप्रैल को एशियाई ओलम्पिक क्वालिफायर शुरू हो रहा है। मैं लगातार एक महीने से भारत सरकार (साई और टॉप्स) सभी से मेरे कोच और फिजियो की मान्यता के लिए अनुरोध कर रही हूं। मान्यता पत्र के बिना मेरे कोच और फिजियो प्रतिस्पर्धा परिसर में मेरे साथ नहीं जा सकते, लेकिन बारम्बार अनुरोध के बावजूद ठोस जवाब नहीं मिल रहा है। कोई भी मदद को तैयार नहीं है। क्या हमेशा ऐसे ही खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खेला जाता रहेगा।
डब्ल्यूएफआई के एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा कि विनेश के निजी कोच और फिजियो के साथ जाने में उन्हें कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन प्रविष्टियां भेजने की समय सीमा निकल जाने के कारण अब उसे यूडब्ल्यूडब्ल्यू से खुद मान्यता पत्र लेना होगा। उन्होंने कहा- उनका ईमेल तदर्थ समिति और टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) के सीईओ के ध्यानार्थ है। हालांकि, महासंघ को भी मार्क किया गया है। उन्होंने 18 मार्च को आवेदन भेजा था, लेकिन तब तक सहयोगी स्टाफ का रजिस्ट्रेशन हो चुका था।
कोच को लेकर क्या मामला?
उन्होंने कहा- हमें मंत्रालय या साइ से कोई निर्देश नहीं मिला कि विनेश के निजी कोच का नाम भी सूची में जोड़ा जाए। हम कोशिश कर सकते थे बशर्ते ऐसे निर्देश होते। हम दस खिलाड़ियों के साथ तीन कोच भेज सकते हैं। नौ कोच पहले ही से बिश्केक में एशियाई चैम्पियनशिप के लिये हैं और ये ही एशियाई क्वालीफायर के लिए भी रूकेंगे जिसमें पांच महिला पहलवान ही भाग ले रही हैं। क्या पांच पहलवानों के लिये तीन कोच काफी नहीं है।
उन्होंने कहा- अतिरिक्त कोच की क्या जरूरत है। विनेश को निजी कोच चाहिए तो वह यूडब्ल्यूडब्ल्यू से मान्यता ले सकती हैं। हमें कोई ऐतराज नहीं है। डब्ल्यूएफआई के एक सूत्र ने कहा कि विश्व चैंपियनशिप 2019 के रजत पदक विजेता दीपक पूनिया ने भी निजी कोच ले जाने का अनुरोध किया था। इसी तरह ग्रीको रोमन कोच अनिल पंडित के लिए भी अनुरोध मिला था।
विनेश ने कही यह बात
उन्होंने कहा- उन्होंने भी ऐसे ही ईमेल भेजे थे, लेकिन हमें सरकार से कोई निर्देश नहीं मिला है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ विनेश को निशाना बनाया जा रहा है। हमारे लिए सभी एक समान हैं।' विनेश देश के उन तीन शीर्ष पहलवानों में से है जिन्होंने डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप लगाकर प्रदर्शन की अगुआई की थी। दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ मामला दर्ज की, लेकिन जुलाई में स्थानीय अदालत से उन्हें जमानत मिल गई। विनेश ने लिखा- क्या अब देश के लिए खेलने जाने से पहले भी हमारे साथ राजनीति होगी क्योंकि हमने यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई। क्या हमारे देश में गलत के खिलाफ आवाज उठाने की यही सजा है। उम्मीद है कि देश के लिए खेलने जाने से पहले तो हमें न्याय मिलेगा।

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