भारतीय ओलम्पिक संघ में अलग-थलग पड़ीं अध्यक्ष पीटी ऊषा

नौ सदस्यों ने नोटिस चस्पा कर अनधिकृत लोगों के प्रवेश को रोका
मामला मुख्य कार्यकारी अधिकारी रघुराम अय्यर की नियुक्ति का
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय ओलम्पिक संघ में चल रही नूरा-कुश्ती से खेल हलके में हैरानी जताई जा रही है तो दूसरी तरफ रोइंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की अध्यक्ष और भारतीय ओलम्पिक संघ की उपाध्यक्ष राजलक्ष्मी सिंह देव की अगुआई में नौ सदस्यों ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी रघुराम अय्यर के खिलाफ नोटिस चस्पा कर विवाद को और हवा दे दी है। आईओए में जो भी चल रहा है, उसे यदि नहीं रोका गया तो भारत खेल बिरादर से भी बाहर हो सकता है।
भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) में सीईओ समेत दो नियुक्तियों को लेकर घमासान चरम पर पहुंच गया है। उपाध्यक्ष राजलक्ष्मी सिंह देव की अगुवाई में आईओए कार्यकारिणी के नौ सदस्यों ने संघ परिसर में नोटिस चस्पा कर अनधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। कार्यकारिणी सदस्यों का इशारा जनवरी में नियुक्त किए गए सीईओ रघुराम अय्यर और आईओए अध्यक्ष पीटी ऊषा के कार्यकारी सहायक कैप्टन अजय नारंग को लेकर है। 
हाल ही में 15 सदस्यीय कार्यकारिणी में से 12 सदस्यों ने सीईओ की नियुक्ति को निरस्त कर दिया था। हालांकि सीईओ अपना कार्यभार संभाले रहे। इसके बाद ही कार्यकारिणी सदस्यों ने बैठक कर नोटिस चस्पा कर दिया। नोटिस पर राजलक्ष्मी सिंह देव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय पटेल, कोषाध्यक्ष सहदेव यादव, उपाध्यक्ष गगन नारंग, सदस्य योगेश्वर दत्त, डोला बनर्जी, भूपेंद्र सिंह बाजवा, अमिताभ शर्मा और हरपाल सिंह के हस्ताक्षर हैं।
इस मामले में पीटी ऊषा का कहना है कि कार्यकारिणी सदस्यों ने सीईओ के वेतन पर फिर से विचार करने को कहा था। इसके बाद उनके वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती कर दी गई। ऊषा ने कार्यकारिणी सदस्यों को चेतावनी दी कि अगर सदस्य इसी तरह विरोध जारी रखेंगे तो अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए आईओए को निलम्बित कर सकती है।
देखा जाए तो सीईओ की नियुक्ति को लेकर छह जनवरी से ही पीटी ऊषा और कार्यकारिणी सदस्यों के बीच टकराव हो रहा है। भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) ने संगठन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में रघुराम अय्यर की नियुक्ति को लेकर अपने ही अध्यक्ष, महान ट्रैक और फील्ड एथलीट पीटी ऊषा के खिलाफ विद्रोह कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, ताजा विद्रोह कथित तौर पर आईओए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय एच पटेल और संयुक्त सचिव कल्याण चौबे द्वारा किया गया है, जो अय्यर की नियुक्ति से पहले कार्यवाहक सीईओ थे।
आईओए के 15 कार्यकारी परिषद सदस्यों में से कम से कम 10 ने अय्यर के निलम्बन आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें उनकी नियुक्ति को "अमान्य और शून्य" घोषित किया गया है। चुनाव आयोग के सदस्यों ने ऊषा द्वारा अय्यर की नियुक्ति को "पूरी तरह से गलत, स्पष्ट रूप से अवैध और पारदर्शिता, निष्पक्षता और न्याय के बुनियादी नैतिक सिद्धांतों के खिलाफ" बताया है। टीओआई के पास ईसी सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित पत्र मौजूद है। हस्ताक्षरकर्ताओं में अजय पटेल (वरिष्ठ उपाध्यक्ष), गगन नारंग (उपाध्यक्ष), सहदेव यादव (कोषाध्यक्ष), कल्याण चौबे (संयुक्त सचिव), योगेश्वर दत्त (ईसी सदस्य), भूपेन्द्र बाजवा (ईसी सदस्य), लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह (ईसी सदस्य), अमिताभ शर्मा (ईसी सदस्य), डोला बनर्जी (ईसी सदस्य) और रोहित राजपाल (ईसी सदस्य) शामिल हैं। अब इस मामले पर मोर्चा राजलक्ष्मी सिंह देव ने सम्हाल लिया है।

 

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