बॉक्सर विजेन्दर सिंह ने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का पहुंचा पकड़ा

ओलम्पिक पदक विजेता का कहना- खेल और खिलाड़ियों के लिए करूंगा काम
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश तक बिगाड़ सकते हैं कांग्रेस का खेल
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
ओलम्पिक कांस्य पदक विजेता बॉक्सर विजेन्दर सिंह ने कांग्रेस का हाथ छोड़ भारतीय जनता पार्टी का पहुंचा पकड़ लिया है। कांग्रेस पार्टी से राजनीतिक रिंग में उतरने वाले विजेन्दर ने लोकसभा चुनाव के ऐन मौके पर ऐसा फैसला क्यों लिया, इस पर जितने मुंह उतनी बातें हो रही हैं। इस फैसले पर विजेन्दर सिंह का कहना है कि भाजपा ने खेल और खिलाड़ियों के लिए बहुत काम किए हैं। खेल की दुनिया में भारतीय खिलाड़ियों को मान-सम्मान दिलाया है। वह अब खेलों और खिलाड़ियों के लिए काम करेंगे।
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता और हरियाणा के मशहूर बॉक्सर विजेन्दर सिंह भाजपा में शामिल हो गए हैं। विजेन्दर सिंह ने 2019 में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी। वह राष्ट्रीय चेहरा हैं और हरियाणा के जाट समुदाय से आते हैं। खेल के क्षेत्र में उनकी उपलब्धि और लोकप्रियता का काफी असर है। विजेन्दर सिंह एक दिन पहले तक अपने सोशल मीडिया X पर कांग्रेस के समर्थन में पोस्ट कर रहे थे। अचानक उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला करके कांग्रेस को जोर का झटका दे दिया। विजेन्दर सिंह के भाजपा में जाने से कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। कयास लगाये जा रहे हैं कि कई वजहों से विजेन्दर सिंह कांग्रेस में अपना भविष्य नहीं देख पा रहे थे। विजेंदर 2019 लोकसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए थे।
विजेन्दर सिंह 2019 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो हुए थे। कांग्रेस ने उन्हें दक्षिण दिल्ली से टिकट देकर मैदान में उतारा था। इस सीट पर भाजपा के रमेश विधूड़ी की अच्छी पकड़ मानी जाती है, इसलिए विजेन्दर सिंह चुनाव में बुरी तरह हार गए थे। भाजपा के रमेश विधूड़ी 3 लाख 70 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव जीते थे। विजेंदर सिंह आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा से भी पीछे तीसरे नम्बर पर रहे और उनकी जमानत जब्त हो गई। कुछ लोग कह रहे हैं कि विजेन्दर सिंह को कांग्रेस में अपना भविष्य नजर नहीं आ रहा था।
बॉक्सर विजेंदर सिंह हरियाणा के भिवानी जिले के रहने वाले हैं। गांव कालुवास में उनका जन्म हुआ है। मार्च 2022 में अपने गांव कालुवास आये विजेन्दर सिंह ने एक बार इशारों-इशारों में भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। हलांकि उन्होंने साफ-साफ नहीं कहा और इसे आलाकमान का फैसला बताया था। बताया जा रहा है कि वो भिवानी सीट से ही चुनाव लड़ने की कोशिश में थे लेकिन कांग्रेस के अंदर इसको लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई। यही वजह है कि उन्होंने अचानक भाजपा में जाने का फैसला किया।
विजेन्दर सिंह ओलम्पिक बॉक्सिंग में पदक जीतने वाले भारत के पहले मुक्केबाज हैं। 2008 के बीजिंग ओलम्पिक में विजेन्दर सिंह कांस्य पदक जीतकर राष्ट्रीय हीरो बने थे। बॉक्सिंग के क्रेज के लिए विजेन्दर सिंह का जिला भिवानी इंडिया का मिनी क्यूबा कहा जाता है। अब तक निकले ज्यादातर नेशनल और इंटरनेशनल बॉक्सर भिवानी जिले के हैं।
हरियाणा खिलाड़ियों की फैक्ट्री कहा जाता है। विजेन्दर सिंह एक खिलाड़ी के तौर पर काफी लोकप्रिय हैं। हरियाणा ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान है। इसके अलावा वो हरियाणा के जाट समुदाय से आते हैं। हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी यूपी में जाट आबादी बड़ी संख्या में है। जाट इलाकों में विजेन्दर सिंह के नाम का कांग्रेस को काफी फायदा हो सकता था लेकिन अब भाजपा में जाने से कांग्रेस को हरियाणा समेत दिल्ली और यूपी में काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

 

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