तदर्थ समिति ने कहा- हमारी चैम्पियनशिप ही वास्तविक

कुश्ती संगठनों में छिड़े दंगल से आखिर किसका भला होगा
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय कुश्ती संघ पर छाए संकट के बादल छटने का नाम नहीं ले रहे। कुश्ती संगठनों में छिड़े दंगल से आखिर किसका भला होगा यह तो समय बताएगा लेकिन इससे पहलवानों में असमंजस की स्थिति जरूर निर्मित हो गई है।
राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित करने का अधिकार केवल राष्ट्रीय महासंघ के पास होने के निलम्बित भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के दावे के एक दिन बाद भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) द्वारा नियुक्त तदर्थ पैनल ने कहा कि उसके द्वारा कराये जाने वाले टूर्नामेंट को ही वास्तविक माना जाएगा। तदर्थ पैनल ने यह भी स्पष्ट किया कि उसके द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिता से ही पहलवानों को ‘फायदा’ मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि डब्ल्यूएफआई ने चुनाव के बाद अपनी पहली कार्यकारी समिति की बैठक के बाद मंगलवार को घोषणा की थी कि वह 29 जनवरी से पुणे में राष्ट्रीय प्रतियोगिता करायेगा। डब्ल्यूएफआई ने कहा था कि उसके संविधान के अनुसार केवल महासंघ के पास ही राष्ट्रीय प्रतियोगिता के आयोजन का अधिकार है। डब्ल्यूएफआई को नियमों के उल्लघंन का हवाला देकर प्रतिबंधित करने वाले खेल मंत्रालय ने कहा कि डब्ल्यूएफआई द्वारा आयोजित टूर्नामेंट को मान्यता नहीं दी जाएगी। 
पैनल प्रमुख भूपेंद्र सिंह बाजवा ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘सिर्फ रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड (आरएसपीबी) द्वारा आयोजित सीनियर राष्ट्रीय फ्रीस्टाइल, ग्रीको रोमन स्टाइल और महिला राष्ट्रीय कुश्ती चैम्पियनशिप 2023 ही वास्तविक है जो खेल मंत्रालय द्वारा स्वीकृत और मान्यता प्राप्त होगी।’ तदर्थ पैनल जयपुर में दो से पांच फरवरी तक राष्ट्रीय चैम्पियनशिप आयोजित कराएगा। दिलचस्प बात यह है कि आरएसपीबी के पूर्व सचिव प्रेम चंद लोचब ने हाल ही में हुए डब्ल्यूएफआई चुनावों में डब्ल्यूएफआई महासचिव का पद हासिल किया था। 

रिलेटेड पोस्ट्स