अनीता श्योराण को हराकर संजय सिंह बने नए अध्यक्ष

भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव सम्पन्न
जनरल सेक्रेटरी पद पर प्रेम लोचप ने मारी बाजी
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
बृजभूषण शरण सिंह के नजदीकी संजय सिंह अनीता श्योराण को हराकर भारतीय कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। बुधवार तक सर्वसम्मति से चुनाव की कोशिशें होती रहीं, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली। संजय सिंह ने दावा किया था कि उनका खेमा चुनाव में हर पद पर जीतेगा और उन्होंने खुद जीत हासिल कर इसे सच साबित किया। 
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव गुरुवार को सम्पन्न हुए। कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह से समर्थन प्राप्त संजय सिंह कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष बने हैं। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण को मात दी है। बता दें कि 21 दिसम्बर को कुश्ती महासंघ के चुनाव हुए और इसके तुरंत बाद आए परिणाम में संजय के नाम पर मुहर लग गई। 
रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के जनरल सेक्रेटरी पद पर प्रेम लोचप ने जीत दर्ज की है। प्रेम लोचप ने पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के समर्थक माने जाने वाले दर्शन लाल को हराया है। जानकारी के मुताबिक चुनाव में प्रेम लोचप को 27 और दर्शन को 19 वोट मिले हैं।
नए अध्यक्ष संजय को 'बबलू' नाम से भी जाना जाता है। वह उत्तर प्रदेश के कुश्ती संघ और राष्ट्रीय कुश्ती संघ दोनों में पदाधिकारी रहे हैं। साल 2019 में भारतीय कुश्ती संघ की कार्यकारी कमेटी में संयुक्त सचिव चुने गए थे। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के चंदौली के रहने वाले हैं। वह 2008 में वाराणसी कुश्ती संघ के जिला अध्यक्ष बने थे। उन्हें बृजभूषण सिंह का करीबी सहयोगी भी माना जाता है।
जहां तक संजय का सवाल है तो उन्हें पुराने महासंघ का प्रतिनिधि माना जा सकता है। संजय सिंह का चुनाव जीतना तय है। मैं उनसे जल्द से जल्द अनुकूल खेल माहौल बनाने और किसी भी नुकसान की भरपाई करने का आग्रह करता हूं। संजय सिंह डब्ल्यूएफआई की पिछली कार्यकारी परिषद का हिस्सा थे। वह 2019 से राष्ट्रीय महासंघ के संयुक्त सचिव भी थे। दूसरी तरफ अनीता श्योराण को देश के चोटी के पहलवानों का समर्थन हासिल था, जिन्होंने बृजभूषण पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। ओलम्पिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक तथा विश्व चैम्पियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट सहित कई शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया था। 
उन्होंने बृजभूषण के परिवार या उनके किसी सहयोगी को चुनाव में उतरने की अनुमति नहीं देने की मांग की थी। बृजभूषण के पुत्र प्रतीक और उनके दामाद विशाल सिंह चुनाव में भाग नहीं लिए। बृजभूषण ने कहा कि जैसे कहा गया था कि मुझे अपने परिवार को चुनाव में शामिल नहीं करना चाहिए। इसलिए मैंने अपने परिवार से किसी भी व्यक्ति को चुनाव के लिए नामित नहीं किया। 

 

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