कांसा भी नहीं जीत पाई भारतीय जूनियर हॉकी ब्रिगेड

जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कपः स्पेन ने 3-1 से हराया
खेलपथ संवाद
कुआलालम्पुर।
जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप में भारतीय युवा पलटन कांस्य पदक भी नहीं जीत सकी। भारतीय टीम को फिर से अपनी त्रुटियों का खामियाजा भुगतना पड़ा और उसे स्पेन के हाथों 3-1 से हारकर कांस्य पदक से हाथ धोना पड़ा। 
एफआईएच हॉकी पुरुष जूनियर विश्व कप मलेशिया-2023 में तीसरे-चौथे स्थान के मैच में स्पेन के खिलाफ लड़ते हुए भारत कांस्य पदक से चूक गया। भारत से जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप के कांस्य पदक के प्लेऑफ में सम्मान बचाये रखने की उम्मीद थी लेकिन स्पेन से 1-3 से मिली हार से वह टूट गयी। स्पेन के लिए निकोलस अल्वारेज ने 25वें और 51वें मिनट में और पेटचामे पाउ ने 40वें मिनट में गोल दागा। भारत के लिए एकमात्र गोल सुनील जोजो ने 28वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर से किया और दो बार की जूनियर विश्व चैम्पियन की पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील नहीं कर पाने की कमजोरी फिर सामने आयी। टूर्नामेंट के इस चरण में भारत को स्पेन से दूसरी बार हार का सामना करना पड़ा।
पूल चरण में भी भारत इस यूरोपीय टीम से 1-4 से हार गया था। भारत भुवनेश्वर में 2021 में हुए पिछले चरण में चौथे स्थान पर रहा था। स्पेन ने उत्तम सिंह की अगुआई वाली टीम पर जीत से इस वैश्विक टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी की। उसने रोटरडम में 2005 चरण में भारत को पेनल्टी पर 6-5 से हराकर कांस्य पदक जीता था।स्पेन ने मैच में पूरी तरह से दबदबा बनाया हुआ था और अगर भारतीय गोलकीपर मोहित शशिकुमार ने पहले हाफ के बाद कुछ बेहतरीन बचाव नहीं किये होते तो हार का अंतर और बड़ा हो सकता था। मोहित ने 33वें मिनट में दो शानदार बचाव किये जिससे स्कोर 1-1 से बराबर रहा।
स्पेन के लिए अल्वारेज ने गोल की शुरुआत की और तीन मिनट बाद भारत ने सुनील जोजो के पेनल्टी कॉर्नर पर किये गये गोल से बराबरी हासिल की जबकि पहले प्रयास में स्पेनिश गोलकीपर ने इसे बचा लिया था। भारत पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने में फिर बुरी तरह विफल रहा और यह जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल की तरह रहा जिसमें टीम ने दर्जनों प्रयास खराब कर दिये थे और उसे 1-4 से हार मिली थी।
जोजो के 28वें मिनट के प्रयास को छोड़कर पेनल्टी कॉर्नर के आठ प्रयास नाकाम रहे। स्पेन ने पेटचामे पाउ के 40वें मिनट में किये गोल से बढ़त बना ली। भारत के बिखरे हुए रक्षण के खिलाफ 51वें मिनट में काब्रे वर्डेल्स के शॉट पर अल्वारेज ने गोल कर दिया। भारतीय खेमे में हताशा बढ़ती जा रही थी।
जिससे कुछ टक्कर भी हुई और पेटचामे हूटर से तीन मिनट पहले लंगड़ा रहे थे। स्पेन के पेरे अमात को भी टीम फिजियो की मदद लेनी पड़ी। भारत ने 2016 में टूर्नामेंट के लखनऊ चरण में स्वर्ण पदक जीता था। इससे पहले 2001 में होबार्ट में देश ने खिताब जीता था। भारत 1997 में इंग्लैंड में उप विजेता रहा था। पिछले चरण का उप विजेता जर्मनी फाइनल में फ्रांस से खेलेगा।

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