दुनिया की नम्बर एक धनुर्धर शीतल बिटिया

खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
इस बेटी के लिए जितना भी लिखें कम है। शीतल बिटिया दुनिया की नम्बर एक धनुर्धर ही नहीं समूची मानवता के लिए नजीर है। पैरा तीरंदाज खिलाड़ी शीतल देवी का जन्म जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ा जिले के एक दूरदराज गांव लोईधारा में हुआ। इस बेटी के जन्म से ही दोनों हाथ नहीं हैं बावजूद यह दुनिया का नूर है।
शीतल ने कटरा में श्री माता वैष्णो श्राइन बोर्ड के स्पोर्ट्स स्टेडियम में आर्चरी अकादमी में दो साल पहले दाखिला लिया था। कड़ी मेहनत के बाद शीतल ने लगातार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं जीतीं। शीतल देवी के हाथ नहीं हैं, वह अपने पैरों से करतब दिखाती हैं। इस बेटी के प्रदर्शन को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इससे मुलाकात की और आशीर्वाद दिया था। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष व उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने शीतल देवी के एशिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने जाने पर गर्व महसूस किया। शीतल देवी का जम्मू-कश्मीर से खास रिश्ता है। वहीं, पर उनका जन्म भी और वहीं पर रहकर उन्होंने पैरा तीरंदाजी भी सीखी।   

 

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