सही प्लानिंग से ही अच्छा करियर सम्भवः डॉ. भावना छाबड़ा

जीएल बजाज  के छात्र-छात्राओं ने सीखे सफलता के टिप्स

मथुरा। मनुष्य के विचार उसके उत्थान का आधार होते हैं, विचारों के आधार पर ही वह व्यक्तिगत, सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति के पथ पर अग्रसर होता है। हर  मनुष्य के मन में नए-नए विचार आते रहते हैं, जिनको वह अपने करियर का आधार बनाने की कोशिश करता है लेकिन यह याद रहे कि जब तक हम सही प्लानिंग नहीं करेंगे, लक्ष्य हासिल करना मुश्किल होगा। यह बातें जीएल बजाज मथुरा के छात्र-छात्राओं को अतिथि वक्ता डॉ. भावना छाबड़ा प्रोफेसर आफ फाइनेंस एण्ड अकाउंटिंग बिजनेस स्कूल ने छात्र-छात्राओं को बताईं।

डॉ. छाबड़ा ने छात्र-छात्राओं को बताया कि सकारात्मक विचार ही हमें सफलता की राह दिखाते हैं। आज के समय में हर कोई सफलता के शिखर पर पहुंचना चाहता है, इसके लिए लोग देश-विदेश के अच्‍छे कॉलेजों से एज्यूकेशन हासिल करने के लिए लाखों रुपये खर्च कर देते हैं, लेकिन इसके बाद भी गलत करियर प्‍लानिंग के कारण अपने गोल को अचीव नहीं कर पाते हैं। करियर प्‍लानिंग एक ऐसी व्यवस्थित प्रक्रिया है जिसके द्वारा कोई व्यक्ति अपने करियर गोल के लिए रास्ता बनाता है।

एज्यूकेशन के बाद लोग अपना करियर किसी संगठन,  कम्पनी व अपने द्वारा चुने हुए किसी खास क्षेत्र में बनाते हैं। किसी संगठन के भीतर करियर प्लानिंग पर्सनल एडमिनिस्ट्रेशन का वह हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ऐसे रास्तों को विकसित करना है, जहां कर्मचारी समय के साथ संगठन में आगे बढ़ सके। डॉ. छाबड़ा ने बताया कि किसी भी कम्पनी में करियर पथ प्रत्येक व्यक्ति के लिए डिजाइन नहीं किया जाता बल्कि जॉब करने वाले व्यक्ति को खुद अपनी आवश्यकताओं, क्षमता, रुचि आदि के आधार पर अपना रास्‍ता बनाना पड़ता है।

डॉ. छाबड़ा ने कहा कि करियर प्‍लानिंग करने से पहले खुद को समझना बहुत जरूरी है। इसलिए अपने लिए कुछ समय निकालें और उन सभी कामों की सूची बनाएं, जो आप करना चाहते हैं। फिर, उन चीजों की सूची बनाएं, जिन्हें आप नहीं करना चाहते। इस तरह से आप खुद को समझकर अपने सही जुनून का अंदाजा आसानी से लगा सकते हैं। अतिथि वक्ता ने छात्र-छात्राओं को बताया कि सफलता के लिए सही मानसिकता और कौशल की आवश्यकता होती है। सही संस्थान और मार्गदर्शक लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक सिद्ध होते हैं। हमें अपने लक्ष्य न केवल ऊंचे बनाने चाहिए बल्कि उन्हें प्राप्त करने के लिए प्रयत्नशील रहना भी जरूरी है।

डॉ. छाबड़ा ने कहा कि सफलता का मंत्र सकारात्मक सोच, सफलता के लिए निरन्तर प्रयास और सही विकल्प का चुनना है, जोकि जीवन पर्यन्त सफलता का मूल मंत्र रहता है। इसलिए युवाओं को हमेशा सकारात्मक सोच, कौशल विकास तथा नए विचारों के क्रियान्वयन पर ध्यान देना चाहिए। अंत में संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने अतिथि वक्ता को स्मृति चिह्न प्रदान कर छात्र-छात्राओं को बेशकीमती समय और सुझाव देने के लिए आभार माना। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शशी शेखर, विभागाध्यक्ष प्रबन्धन विभाग ने पेश किया।

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