हिमाचल के खिलाड़ी कम प्रोत्साहन राशि से नाखुश

कहा- तीन नहीं तो कम से कम डेढ़ करोड़ रुपये दे सरकार
क्लास वन पदों पर नौकरियां देने की मांग उठाई
खेलपथ संवाद
शिमला।
एशियन खेलों के स्वर्ण पदक विजेता कबड्डी खिलाड़ियों ने कहा कि देश और प्रदेश का नाम रोशन करने के लिए हिमाचल सरकार से मिलने वाली 15 लाख रुपये की राशि नाकाफी है। सरकार तीन करोड़ रुपये ना दे लेकिन, कम से कम डेढ़ करोड़ रुपये तो सम्मान के तौर पर मिलने चाहिए। खिलाड़ियों ने प्रदेश सरकार से क्लास वन पदों पर नौकरियां देने की मांग उठाई। हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार की खेल नीति का खिलाड़ियों ने हवाला दिया है।
सोमवार को राजधानी शिमला में आयोजित सम्मान समारोह के दौरान स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ियों ने मीडिया के साथ कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखी। कबड्डी टीम की कप्तान रितु नेगी ने कहा कि हमारी टीम ने भारत के लिए 100वां पदक जीता। एशियन खेलों में भारत ने पहली बार 100 से अधिक पदक जीते हैं। भारत से जाने वाले अधिकांश खिलाड़ी अन्य देशों के कोच बन गए हैं। इसके चलते ही कई देशों के प्रदर्शन में बहुत अधिक सुधार हुआ है। ज्योति ने कहा कि देश के लिए पदक जीतने की खुशी है। अन्य राज्यों में ज्यादा कैश और अच्छी नौकरियां खिलाड़ियों को दी जा रही हैं। हमें तीन करोड़ चाहे मत दो लेकिन इसका 50 फीसदी तो मिलना चाहिए।
पुष्पा राणा ने कहा कि हमारी टीम ने कोरिया, थाइलैंड, नेपाल और चाइनिज ताइपे से मैच जीते हैं। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और महाराष्ट्र में 3 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं, हमें सिर्फ 15 लाख रुपये दिए जा रहे हैं, यह राशि नाकाफी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हमें क्लास थ्री और फोर वर्ग की नौकरियों की पेशकश की जाती है। कड़ी मेहनत से हमने देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है। सरकार को चाहिए कि खिलाड़ियों को क्लास वन ऑफिसर की नौकरी देनी चाहिए। पुरुष कबड्डी टीम के खिलाड़ी विशाल ने कहा कि एशियन गेम्स खेलना हर खिलाड़ी का सपना होता है। हमने इस प्रतियोगिता के लिए पांच माह प्रशिक्षण लिया था। प्रदेश में खिलाड़ियों के लिए इंडोर स्टेडियमों की कमी है। अब मिट्टी की जगह मैट पर खेल होते हैं। ऐसे में इंडोर स्टेडियम बनाए जाने चाहिए।

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