एशियाई खेलों में चीन की बादशाहत बरकरार
चीन ने 201 स्वर्ण, 111 रजत और 71 कांस्य पदक जीते
भारत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बाद भी मेडल सूची में चौथे स्थान पर
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। चीन में 19वें एशियन खेलों का समापन हो चुका है। मेजबान चीन ने हमेशा की तरह इन खेलों में न केवल अपनी धाक जमाई बल्कि स्वर्ण पदकों का दोहरा शतक लगाकर हर देश को बहुत पीछे छोड़ने में सफल रहा। भारत 107 पदकों के साथ मेडल सूची में चौथे तो मेजबान चीन 201 स्वर्ण, 111 रजत और 71 कांस्य पदक जीत कर सिरमौर रहा।
19वें एशियाई खेलों में चीन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पदकों का अम्बार लगा दिया। उसने कुल 383 पदक जीते। इनमें 201 स्वर्ण, 111 रजत और 71 कांस्य पदक शामिल रहे। दूसरे स्थान पर जापान (188) रहा, जिसने 52 स्वर्ण, 67 रजत और 69 कांस्य पदक जीते। तीसरे स्थान पर दक्षिण कोरिया (190) रहा, जिसने 42 स्वर्ण, 59 रजत और 89 कांस्य पदक जीते। भारत 28 स्वर्ण, 38 रजत और 41 कांस्य पदक जीतकर चौथे स्थान पर रहा, इससे पूर्व भारतीयों ने 2018 के एशियाई खेलों में 70 पदक हासिल किए थे।
भारतीय खेल तंत्र 107 पदक जीतने के बाद जहां जश्न मना रहा है वहीं मेजबान चीन पेरिस ओलम्पिक की तैयारियों में जुट गया है। पदक विजेता हर भारतीय खिलाड़ी प्रोत्साहन का हकदार है लेकिन हमारे खेल तंत्र को चीन से नसीहत लेने की दरकार है। चीन खेलों की महाशक्ति ऐसे ही नहीं बना। इसके पीछे उसके द्वारा जमीनी स्तर पर खिलाड़ियों को दिया जा प्रोत्साहन शामिल है।