दुती चंद के लिए दर्द की दवा बनी जहर

डोप जांच में विफल, चार साल का प्रतिबंध 
स्टार एथलीट प्रतिबंध के खिलाफ देगी चुनौती
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारत की सबसे तेज महिला धावक दुती चंद के लिए दर्द निवारक दवा ही जहर बन गई और वह डोप में फंस गईं। उन पर चार साल का प्रतिबंध लगने के बाद दुती के भविष्य पर अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल है। एक तरह से यह प्रतिबंध उनके करिअर को समाप्त कर देगा।
दरअसल दुती को डॉक्टर ने नवम्बर 2021 में कैंसर के प्रारंभिक चरण के लक्षणों के बारे में बताया था और खेल छोड़ने की सलाह दी थी। ये उस समय की बात है जब वह टोक्यो ओलम्पिक में 100 और 200 मीटर रेस में पहले चरण से आगे नहीं बढ़ पाई थीं। भुवनेश्वर में कलिंगा इंस्टीट्यूट में प्रोफेेसर और स्पोर्ट्स मेडिसन विशेषज्ञ डॉक्टर सुदीप सतपथी ने दुती के शरीर में कैंसर के लेवल 1 के लक्षण पाए थे। दुती का कहना है कि उन्होंने 15-20 दिन दर्द कम होने की दवा ली थी। बाद में जब दर्द कम हो गया तो बंद कर दी। मैंने यह सैंपल नाडा को दिया और डोप नतीजा पॉजीटिव आया।
दुती ने कहा कि मैं बहुत डर गई थी और नर्वस भी थी। सोच रही थी कि मेरी जिंदगी को क्या हो रहा है। एमआरआई रिपोर्ट के बाद चिकित्सकीय सलाह लेने वालीं दुती ने कहा कि उनकी समस्या 2021 में ग्रोइन इंजरी (पेट के निचले हिस्से) के बाद शुरू हुई। टोक्यो ओलंपिक के बाद राष्ट्रीय अंतर राज्यीय चैंपियनशिप में मैंने पेट के निचले हिस्से में काफी दर्द महसूस किया।
दुती ने कहा- मैंने डॉक्टरों से बात की लेकिन दर्द कम नहीं हुआ। जुलाई-अगस्त में ओलम्पिक भी गई और अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकीं। ओलम्पिक से लौटने के बाद मैंने अल्ट्रासाउंड कराया लेकिन कुछ नहीं निकला। उसके बाद मैंने एमआरआई स्कैन कराया जिसमें डॉक्टर सतपथी ने बताया कि लेवल-1 के कैंसर ने अटैक शुरू कर दिया है। अगर खेलना नहीं छोड़ा तो स्थिति ज्यादा खराब हो सकती है।
दुती ने कहा- मेरे हार्मोंस में असंतुलित हुई, हो सकता है, यही कारण हो। पेट का दर्द धीरे-धीरे बढ़ता रहा। डॉक्टर ने कहा कि अगर दर्द होना जारी रहा तो कैंसर अटैक कर सकता है। उनका कहना है कि दवाई लेने के बाद दर्द कम हुआ और मैंने कोई और मेडिकल टेस्ट नहीं कराया है क्योंकि मैं ठीक महसूस कर रही हूं। नवंबर 2021 में एमआरआई के बाद दुती ने कोई और टेस्ट नहीं कराया।
चार साल के प्रतिबंध को देंगी चुनौती
एशियाई खेलों में दो रजत पदक जीतने वाली महिला एथलीट दुती चंद राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) द्वारा उन पर लगाए गए चार साल के प्रतिबंध को चुनौती देंगी। वह नाडा की टूर्नामेंट के इतर प्रतिबंधित पदार्थ की डोप जांच में विफल रही थीं। 27 साल की दुती पर बृहस्पतिवार को प्रतिबंध लगाया गया था। इस 100 मीटर की राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी एथलीट के पिछले साल दिसंबर में लिए गए दो नमूनों में ‘अन्य एनाबोलिक एजेंट / एसएआरएमएस’ मौजूद थे जो वाडा की 2023 प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में शामिल हैं। ये नमूने पांच और 26 दिसंबर को लिए गए थे और दोनों ही एक समान पदार्थ के पॉजिटिव पाए गए थे।
एसएआरएमएस’ (सलेक्टिव एंड्रोजन रिसेप्टर मोड्यूलेटर) ऐसे ‘नॉन स्टेराइड’ पदार्थ हैं जिन्हें आमतौर पर आस्टियोपोरोसिस (हड्डी संबंधित बीमारी), अनीमिया (खून की कमी) और मरीजों में जख्मों से उबरने के लिए किया जाता है। दुती पर लगा प्रतिबंध इस साल तीन जनवरी से प्रभावी होगा और पांच दिसंबर 2022 को लिए गए पहले नमूने की इस तारीख से उनके सभी प्रतिस्पर्धी नतीजे हटा दिए जाएंगे। दुती के वकील पार्थ गोस्वामी ने कहा कि यह खिलाड़ी अपने पूरे पेशेवर कॅरिअर में ‘क्लीन एथलीट’ (किसी भी डोपिंग से दूर) रही है और यह मामला इस पदार्थ के ‘अनजाने में सेवन’ करने का था।

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