पहलवानों के बाद मुक्केबाज भी बगावती मूड में

पीएम कहते हैं, आत्मनिर्भर बनो, पर विदेश से लाते हैं कोच
खेलपथ संवाद
भिवानी।
कुश्ती में लगी आग अभी पूरी तरह बुझ भी नहीं पाई कि अब चयन प्रक्रिया पर मुक्केबाज भी सवाल उठा रहे हैं। सच कहें तो पहलवानों के बाद अब हरियाणा के बॉक्सर भी चयन प्रक्रिया को लेकर बगावत पर उतर आए हैं। रविवार को मिनी क्यूबा भिवानी पहुंचे अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर्स ने एशियन चैम्पियनशिप में चयन की नई प्रकिया को गलत बताया। साथ ही कहा कि इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
बॉक्सर विजेंद्र ने कहा कि नई चयन प्रक्रिया से अनुभवी खिलाड़ी पिछड़ेंगे और गुलामी व चाटुकारिता बढ़ेगी। हरियाणा के खिलाड़ियों पर पूरा देश गर्व करता है, क्योंकि सात समुंदर पार विदेशी जमीं पर जाकर ये खिलाड़ी मेडल जीतकर राष्ट्रीय ध्वज को शान से लहराते हैं। उस समय हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है, पर साल 2023 की शुरुआत खेल व खिलाड़ियों के विवाद से हुई है।
अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर अमित पंघाल, विजेंद्र सिंह, सागर अहलावत, रोहित मोर व कोच जगदीश मिनी ने यहां पत्रकारों से बातचीत की। 51 किलोग्राम भार वर्ग में विश्व के नम्बर वन बॉक्सर अमित पंघाल ने कहा कि नई प्रक्रिया के तहत ट्रायल की बजाय सिर्फ हाजिरी व फिटनेस के आधार पर चयन किया जा रहा है जो गलत है। उन्होंने कहा कि मेरे मुकाबले जिस बॉक्सर का चयन हुआ है, उसे मैं कई बार हरा चुका हूं। इस चयन प्रक्रिया से खिलाड़ी खेल में चाहे कितनी जान लगा दे पर सारी पॉवर विदेशी कोच के हाथ में है, जो चहेतों का चयन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें समझ नहीं आ रहा कि हमारे नम्बर कहां कट रहे हैं और जुड़ रहे हैं। अमित का कहना है कि जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो हमने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर सागर अहलावत ने कहा कि हमारी लड़ाई और विरोध सिर्फ ट्रायल की बजाय आकलन के आधार पर चयन को लेकर है। इसी को लेकर अब हम कैंप में जाते हैं तो हमारी अनदेखी की जा रही है। वहीं गुरु द्रोणाचार्य अवार्डी कोच जगदीश ने कहा कि चयन प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए। चयन आकलन की बजाय परफार्मेंस या ट्रायल के आधार पर ही हो। रेसलर्स के बाद बॉक्सरों की बगावत शुरू हुई है।
बॉक्सर विजेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक तरफ आत्मनिर्भर बनने को कहते हैं और दूसरी तरफ चयन के लिए विदेश से कोच लाते हैं। उन्होंने कहा कि इससे अनुभवी बॉक्सर पिछड़ जाएंगे और जीहजूरी वालों को ही मौका मिलेगा। उन्होंने इसे तुगलकी फरमान करार देते हुए कहा कि वे इस लड़ाई में बॉक्सरों के साथ हैं।

 

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