एशियाई रिकॉर्ड बनाने के बाद अजीत पांचाल से छीना गोल्ड

विश्व पैरा एथलेटिक्स में हुए डिसक्वालीफाई, भारत ने जताया विरोध
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
टोक्यो पैरालम्पिक की कहानी पेरिस में खेली जा रही पैरा विश्व चैम्पियनशिप में दोहराई गई। अजीत कुमार पांचाल ने डिस्कस थ्रो की एफ-52 कैटेगरी में एशियाई रिकॉर्ड के साथ न सिर्फ स्वर्ण जीता बल्कि पेरिस पैरालम्पिक का टिकट भी हासिल किया, लेकिन एक घंटे बाद ही पदक समारोह से ठीक पहले उन्हें डिस्क्वालीफाई कर उनका स्वर्ण छीन लिया गया। 
विश्व चैम्पियनशिप में हुई किरकिरी के पीछे क्लासिफिकेशन का मामला है। अंतरराष्ट्रीय पैरालम्पिक कमेटी (आईपीसी) ने अजीत को एफ-52 कैटेगरी में खेलने के अयोग्य घोषित किया है। अजीत पांचाल ने 11 जुलाई को 21.17 मीटर डिस्कस फेंककर एशियाई रिकॉर्ड बनाकर देश को विश्व पैरा एथलेटिक्स में पहला स्वर्ण पदक दिलाया, लेकिन उनकी यह खुशी कुछ ही देर में गायब हो गई। सूत्र बताते हैं कि उनकी कैटेगरी के खिलाफ प्रोटेस्ट किया गया, जिसमें कहा गया कि अजीत की इंजुरी उतनी घातक नहीं है जिससे वह एफ-52 कैटेगरी में खेल सकें। इसके बाद आईपीसी के क्लासिफिकेशन पैनल ने अजीत को कैटेगरी की समीक्षा के लिए बुला लिया। सूत्र बताते हैं कि तकरीबन चार घंटे तक विवादों के बीच अजीत का क्लासिफिकेशन चला, जिसमें उन्हें एफ-52 से कम घातक इंजुरी वाली कैटेगरी एफ-54 में डाल दिया और उनका स्वर्ण पदक भी छीन कर उन्हें एफ-52 की एंट्री लिस्ट से ही हटा दिया गया। टोक्यो पैरालंपिक में भी इसी कैटेगरी में कांस्य जीतने वाले विनोद कुमार को डिसक्वालिफाई किया गया था। उन पर बाद में दो साल का प्रतिबंध भी लगा था। भारतीय टीम के मुख्य प्रशिक्षक सत्यपाल सिंह का कहना है कि अजीत का पांच साल पहले क्लासिफिकेशन जर्मनी में अंतराष्ट्रीय स्तर पर हुआ था। उसने इसी कैटेगरी में शारजाह ओपन में स्वर्ण भी जीता। अब इतने महत्वपूर्ण मौके पर उसे डिसक्वालिफाई करना ठीक नहीं है। आईपीसी से इस बारे में विरोध भी जताया गया है।

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