भारतीय तेज गेंदबाजों की वेस्टइंडीज में होगी परीक्षा

शमी-बुमराह की गैरमौजूदगी में इन पर रहेगा दारोमदार
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में टीम इंडिया के सामने पेस बैटरी के चयन को लेकर दुविधा है। बीते एक दशक में विदेशी धरती पर भारतीय टीम की सफलता में उसके तेज गेंदबाजों का बड़ा हाथ रहा है, लेकिन इस दौरे पर ऐसा नहीं है। उसके पास मोहम्मद शमी, उमेश यादव, इशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह जैसे तेज गेंदबाज नहीं हैं। वहीं, मोहम्मद सिराज का खेलना लगभग पक्का है। ऐसे में बाकी बचे दो स्थानों के लिए चार पेसर्स के बीच जंग है। हालांकि, वेस्टइंडीज की पिचों का ट्रैक रिकॉर्ड देखते हुए भारतीय टीम तीन स्पिनर्स और दो पेसर्स के साथ भी मैदान पर उतर सकती है। 
भारतीय टीम की निर्भरता 19 टेस्ट मैच खेल चुके मोहम्मद सिराज पर ज्यादा है। इस दौरे पर भारत के पास सिराज के अलावा 12 साल बाद बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट मैच में वापसी करने वाले 31 वर्षीय जयदेव उनादकट, चोट से वापसी कर रहे नवदीप सैनी, युवा मुकेश कुमार और ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर तेज गेंदबाजी के विकल्प हैं। सिराज का डोमिनिका में खेलना पक्का है। शार्दुल, जयदेव, नवदीप और मुकेश में से दो तेज गेंदबाज प्लेइंग-11 में लिए जाने हैं। शार्दुल बॉलिंग में पेस वैरिएशन के साथ-साथ लोअर ऑर्डर में अच्छी बल्लेबाजी भी कर लेते हैं। ऐसे में वह दूसरे पेसर हो सकते हैं। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज होने के कारण नंबर तीन गेंदबाज के रूप में उनादकट का पलड़ा भारी लग रहा है। उनके और मुकेश में तीसरे गेंदबाज के रूप में टक्कर हो सकती है। बंगाल के पेसर मुकेश का हाल फिलहाल में घरेलू टूर्नामेंट्स में प्रदर्शन शानदार रहा है। जिस तरह से उन्हें प्रमोट किया जा रहा है, उसे देखकर उनादकट पर तरजीह दे दी जाए तो हैरानी नहीं होगी।
वेस्टइंडीज की पिच आमतौर पर तेज गेंदबाजों को मदद के लिए जानी जाती है। कैरिबियाई पिचों पर पेस वैरिएशन गेंदबाजों का सबसे बड़ा हथियार होता है। पिछले पांच वर्षों में वेस्टइंडीज में टेस्ट में कुल 557 विकेट गिरे हैं। इनमें से तेज गेंदबाजों ने 447 और स्पिनर्स ने 110 विकेट लिए हैं। यानी पिछले कुछ वर्षों में भी तेज गेंदबाज वहां हावी रहे हैं।
वहीं, पिछले तीन वर्षों के रिकॉर्ड को देखा जाए तो भी तेज गेंदबाजों का प्रदर्शन शानदार रहा है। विंडीज में कुल 347 विकेट (टेस्ट में) गिरे हैं। इसमें से तेज गेंदबाजों ने 293 और स्पिनर्स ने 54 विकेट लिए हैं। ऐसे में टीम इंडिया के तीन तेज गेंदबाजों के साथ मैदान पर उतरने के चांसेस ज्यादा हैं। 
हालांकि, डोमिनिका का ट्रैक रिकॉर्ड कुछ और ही कहता है। डोमिनिका के विंडसोर पार्क स्टेडियम में पहला टेस्ट जुलाई 2011 में वेस्टइंडीज और भारत के बीच ही खेला गया था, जो कि ड्रॉ पर समाप्त हुआ था। इस मैदान पर अब तक कुल पांच टेस्ट खेले गए हैं, जिसमें 167 विकेट गिरे हैं। इनमें से तेज गेंदबाजों ने 80 विकेट लिए, जबकि स्पिनर्स ने 87 विकेट लिए।
वेस्टइंडीज की पिचें पिछले कुछ वर्षों में और स्लो होती जा रही हैं, जहां गेंद रुक-रुककर आती है। तीसरी और चौथी पारी के दौरान पिच में दरारें आ जाती हैं, जिससे स्पिनर्स को काफी फायदा मिलता है। ऐसे में भारतीय टीम अपने तीन मुख्य स्पिनर्स- रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल के साथ भी मैदान पर उतरने की रणनीति बना सकती है। हालांकि, इसकी उम्मीद बहुत कम है।
डोमिनिका की खास बात यह भी है कि इस मैदान पर भारत-वेस्टइंडीज के बीच 2011 में खेले गए पहले टेस्ट को छोड़ दें तो बाकी चारों टेस्ट का नतीजा आया है। वेस्टइंडीज ने यहां पांच टेस्ट खेले हैं और सिर्फ एक में जीत सकी है। इस मैदान पर पांच में से दो टेस्ट का नतीजा तो तीन दिनों में निकल गया। वहीं, तीन टेस्ट पांच दिन तक चले। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2023-25 चक्र के लिए यह भारत की पहली टेस्ट सीरीज है। हालांकि, भारत 2002 के बाद से वेस्टइंडीज में कोई टेस्ट सीरीज नहीं हारा है। ऐसे में नई पेस बैटरी पर उम्मीदों का भार ज्यादा रहेगा। 
टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम
रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, ऋतुराज गायकवाड़, विराट कोहली, यशस्वी जायसवाल, अजिंक्य रहाणे (उपकप्तान), केएस भरत (विकेटकीपर), ईशान किशन (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, शार्दुल ठाकुर, अक्षर पटेल , मोहम्मद सिराज, मुकेश कुमार, जयदेव उनादकट, नवदीप सैनी।
भारत के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए वेस्टइंडीज टीम: क्रेग ब्रैथवेट (कप्तान), जर्मेन ब्लैकवुड, एलिक अथानाजे, तेजनारायण चंद्रपॉल, रहकीम कॉर्नवाल, जोशुआ दा सिल्वा (विकेटकीपर), शैनन गेब्रियल, जेसन होल्डर, अल्जारी जोसेफ, किर्क मैकेंजी, रेमन रीफर, केमार रोच, जोमेल वारिकन।

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