यूएई क्रिकेट टीम से खेल रहे सोनीपत के संचित और खुशी

स्टार क्रिकेटरों की काबिलियत ने बढ़ाया भारत का मान
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
क्रिकेट में पिता-पुत्र और भाईयों के राष्ट्रीय टीम में खेलने के कई उदाहरण मिलेंगे, लेकिन भाई और बहन दोनों का राष्ट्रीय टीम में खेलना दुर्लभ है। सोनीपत (हरियाणा) में जन्में 21 वर्षीय संचित शर्मा और 20 वर्षीय खुशी शर्मा ऐसे भाई-बहन हैं जो दुबई में रहते हुए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राष्ट्रीय टीम के लिए खेल रहे हैं। संचित ने जहां आईसीसी विश्व कप क्वालीफायर में यूएई के लिए शानदार प्रदर्शन किया वहीं खुशी सीनियर महिला टीम की स्थायी सदस्य हैं और 42 टी20 मैच खेल चुकी हैं।
संचित और खुशी के पिता बृजमोहन शर्मा सोनीपत में क्रिकेट और हॉकी के अच्छे खिलाड़ी थे, लेकिन मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद वह 32 साल पहले दुबई में बस गए, लेकिन दोनों बच्चों का जन्म सोनीपत में हुआ। बृजमोहन बताते हैं कि वह दुबई में जरूर थे, लेकिन उन्होंने वहां क्रिकेट खेलना जारी रखा। संचित जब बड़ा हुआ तो वह उसे बिल्डिंग के लॉन में क्रिकेट खिलाते थे। खुशी को क्रिकेट में कोई रुचि नहीं थी। संचित अच्छी क्रिकेट खेलने लगा तो उसे मैच खेलाने यूएई के शहरों में ले जाना होता था। ये मैच दिन-रात्रि के होते थे। खुशी को भी साथ ले जाना पड़ता था। बेटे के मैच में वह खुशी को थ्रो डाउन करते थे। यहीं से उसने 17 साल की उम्र में खेलना शुरू किया और बेटे से पहले राष्ट्रीय टीम में जगह बना ली। उसने हाल ही में यूगांडा के खिलाफ हैटट्रिक लगाई है।
संचित ऑलराउंडर हैं, उन्होंने विश्व कप क्वालिफायर में बृहस्पतिवार को अमेरिका के अंतिम ओवर फेंका। अमेरिका को 11 रन जीत के लिए चाहिए थे, लेकिन संचित ने इस ओवर में दो विकेट निकालकर यूएई को एक रन से रोमांचक जीत दिलाई। इससे पहले उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ उन्होंने 44 रन बनाए और तीन विके ट लिए। वह यूएई के लिए आठ वनडे और दो टी-20 खेल चुके हैं। उन्होंने इसी साल सीनियर टीम में जगह बनाई है, जबकि खुशी ने 42 टी-20 में 40 विकेट लिए हैं। उन्होंने एशिया कप में भारत के खिलाफ अपनी टीम के लिए सर्वाधिक 29 रन बनाए थे।
कपिल के वीडियो दिखाकर भरा क्रिकेट का जुनून
संचित के पसंदीदा कपिल देव और एंड्रयु फ्लिंटाफ हैं। बृजमोहन बताते हैं कि वह बेटे के अंदर क्रिकेट की रुचि पैदा करने के लिए कपिल देव के वीडियो दिखाते थे, जिसके चलते कपिल को वह रोल मॉडल मानता है। संचित एक बार यूएई में कपिल देव से मिल भी चुके हैं, लेकिन उनकी क्रिकेट निखारने में पूर्व भारतीय क्रिकेटर और यूएई के कोच रोबिन सिंह का हाथ है। रोबिन ने संचित की गेंदबाजी में अतिरिक्त पेस बढ़ाने के लिए चेन्नई स्थित एमआरएफ पेस अकादमी में उन्हें भेजने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो पाए। बृजमोहन कहते हैं कि वह अभी भी कोशिश में लगे हैं किसी तरह संचित को इस अकादमी में जाने का मौका मिले, जिससे उनकी गति में वृद्धि हो सके।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले भाई-बहन
सारा और पीटर मैक्ग्लाशन (न्यूजीलैंड)
लिसा और नॉथन एस्टल (न्यूजीलैंड)
एनेट और गॉर्डन ड्रमंड (स्कॉटलैंड)
सिसेलिया, इसोबेल और एड, डॉम जॉएस (आयरलैंड)
डेनिस और टेरी एल्डरमैन (ऑस्ट्रेलिया)

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