भारत-कुवैत फुटबॉल मैच 1-1 से ड्रॉ
छेत्री का 92वां गोल, अनवर के आत्मघाती गोल ने पासा पलटा
कम करनी होगी गोल के मामले में छेत्री पर निर्भरता
खेलपथ संवाद
बेंगलुरु। सैफ चैम्पियनशिप फुटबाल में सुनील छेत्री की अगुआई वाली भारतीय टीम ने मंगलवार को कुवैत के खिलाफ 1-1 से ड्रॉ खेला। कप्तान सुनील छेत्री के गोल से टीम इंडिया ने बढ़त हासिल की थी, लेकिन दूसरे हाफ में भारत के अनवर अली के आत्मघाती गोल से स्कोर 1-1 से बराबर हो गया। इस मैच के नतीजे का ज्यादा फर्क नहीं पड़ा, क्योंकि दोनों टीमें पहले ही सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई कर चुकी हैं। यह मैच बेंगलुरु के कांतिरवा स्टेडियम में खेला गया।
टीम इंडिया ने मैच की शुरुआत ही शानदार अंदाज में की थी और लगातार काउंटर अटैक जारी रखा। फॉरवर्ड आशिक कुरुनियन, छेत्री ने कुवैत के डिफेंडर्स को डराए रखा। वहीं, मिडफील्डर्स महेश शिंह, जैक्सन सिंह, अनिरुद्ध थापा और ललियानजुआला छांगते ने गेंद को भारत के बॉक्स में जाने से रोका और कुवैत के फॉरवर्ड को दबाव में रखा। जरूरत पड़ने पर डिफेंडर्स निखिल पुजारी, संदेश झिंगन, अनवर अली और आकाश मिश्रा ने शानदार प्रदर्शन किया।
इसका फायदा टीम इंडिया को हाफ-टाइम से कुछ मिनट पहले मिला, जब छेत्री ने गोल किया। कप्तान सुनील छेत्री ने अंतरराष्ट्रीय करियर का 92वां गोल दागा। उन्होंने 45+2वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर मिले क्रॉस पर गोल दाग टीम इंडिया को बढ़त दिलाई थी। हाफ-टाइम तक भारतीय टीम ने कुवैत पर 1-0 की बढ़त बना ली थी।
इसके बाद दूसरे हाफ में भी टीम इंडिया ने काउंटर अटैक किया। हालांकि, इस दौरान मैच में हाईवोल्टेज ड्रामा भी देखने को मिला। हाफ टाइम के बाद भारतीय कोच इगोर स्टिमैक को रेफरी ने एक बार फिर मैदान से बाहर भेज दिया गया। इसके बाद कई मौके पर भारत-कुवैत के खिलाड़ी भिड़ गए। 90वें मिनट में दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच ऑनफील्ड विवाद हो गया। इसके बाद रेफरी ने कुवैत के हमाद अल कलाफ और भारत के रहीम अली को रेड कार्ड दिखाया।
आठ मिनट का इंजरी टाइम मिला, जिसमें दोनों टीमें 10-10 खिलाड़ियों से खेल रही थीं। इसी बीच कुवैत के काउंटर अटैक पर बॉल को क्लीयर करने के चक्कर में भारत के अनवर अली अपने ही गोल पोस्ट में गेंद को पहुंचा दिया। इससे कुवैत ने बराबरी कर ली। मैच खत्म होने तक यही स्कोर रहा। इस मैच से पहले आठ मुकाबलों में भारतीय टीम ने कोई गोल नहीं खाया था, लेकिन इस मैच में उसके खिलाफ एक गोल पड़ा और वह भी आत्मघाती गोल रहा।
भारत और कुवैत की टीमें लंबे समय बाद एक-दूसरे के खिलाफ खेल रही थीं। दोनों के बीच अंतिम मुकाबला लगभग 13 साल पहले नवंबर, 2010 में हुआ था, जिसमें कुवैत को भारत पर 9-1 के अंतर से भारी विजय मिली थी। दोनों ही टीमें टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह बना चुकी हैं, लेकिन दोनों के ही बीच ग्रुप ए में शीर्ष स्थान हासिल करने की होड़ थी। स्कोर बराबर रहने के बावजूद ग्रुप स्टेज में ज्यादा गोल करने की वजह से कुवैत की टीम पहले स्थान पर रही। वहीं, टीम इंडिया दूसरे स्थान पर रही। इससे पहले भारत ने पाकिस्तान को 4-0 और नेपाल को 2-0 से हराया था।
कुवैत का फुटबॉल में इतिहास काफी अच्छा रहा है। 1982 का विश्व कप खेल चुकी इस टीम की सर्वश्रेष्ठ फीफा रैंकिंग 24 रही है। हालांकि वर्तमान में स्थितियां वैसी नहीं है। अभी उसकी फीफा रैंकिंग 143 है, जो भारत के 101 के मुकाबले में काफी कम है। वहीं भारत की सर्वश्रेष्ठ फीफा रैंकिंग 94 रही है। नेपाल और पाकिस्तान के खिलाफ 3-1 और 4-0 की जीत में कुवैत ने अपने पुराने खेल की झलक दिखलाई थी।
भारतीय टीम ने पाकिस्तान पर 4-0 से जीत जरूर हासिल की, लेकिन नेपाल के खिलाफ 2-0 से जीत में पहले एक घंटे के दौरान उसे कोई गोल नसीब नहीं हुआ था। गोल के मामले में टीम की 38 वर्षीय स्ट्राइकर सुनील छेत्री पर निर्भरता काफी ज्यादा है। उन्होंने टीम के कुल सात में से अब तक पांच गोल किए हैं। टीम के मिडफील्डर साहल अब्दुल समद का कहना है कि उनके समेत टीम के दूसरे खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा लक्ष्य पर निशाना साधना होगा, जिससे छेत्री पर पड़ रहे भार को कम किया जा सके। कुवैत के खिलाफ मुकाबले में भी छेत्री काफी एक्टिव दिखे। हालांकि, सेमीफाइनल में छेत्री के अलावा दूसरों को भी गोल करने की जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी।
अब तक भारत-कुवैत के बीच चार मुकाबले खेले गए
भारत और कुवैत के बीच अब तक चार मुकाबले हुए हैं, जिसमें कुवैत को दो और भारत को एक जीत हासिल हुई है, एक मैच ड्रॉ रहा है। हालांकि, जिन दो मुकाबलों में कुवैत ने जीत हासिल की, उसमें उन्होंने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। दोनों टीमें पहली बार 1978 एशियन गेम्स में आमने-सामने आई थीं। तब कुवैत ने भारत को 6-1 से हराया था। इसके बाद 2004 में खेले गए दोस्ताना मैच में भारत ने कुवैत पर 3-2 से जीत हासिल की। 2010 में खेले गए और दोस्ताना मैच में कुवैत ने भारत को 9-1 से हराया था।