मम्मी-पापा के प्रयासों से शूटर बनी मनु भाकर

कहा- अगर शूटिंग के प्रति सीरियस हो तो खेलना शुरू कर दो 
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
समय का बहुत महत्व होता है। मंगलवार को जिसको कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था बुधवार को उसकी झोली में गोल्ड मेडल आ गया। एक दिन पहले की गई गलतियों से सीख लेते हुए मनु भाकर बुधवार को इतना तन्मय होकर खेलीं कि 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स में गोल्ड मेडल जीत लिया। मनु “खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, उत्तर प्रदेश 2022” में पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
मनु भाकर कहती हैं कि अगर प्रेसर न हो तो कोई भी खिलाड़ी बेहतर कर ही नहीं सकता है। खेल का दबाव ही खिलाड़ियों को बेहतर से और बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है। इसी से खिलाड़ी इम्प्रूव करता है। इस खेल में आने के बारे में वह बताती है कि उन्हें अलग अलग चीजें ट्राई करने का शौक था और इसी कड़ी में पिस्टल चलाना शुरू किया और मुझे यह गेम अच्छा लगा।
इस गेम के बारे में मम्मी पापा को बताया तो उन्होंने कहा कि “अगर तुम सीरियस हो तो हमें कोई परेशानी नही है। तुम खेल सकती हो।” फिर मैंने इस गेम को सीरियस लेना शुरू किया और नतीजा आपके सामने है। मनु भाकर खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स , उत्तर प्रदेश 2022 के आयोजकों को धन्यवाद देती हैं कि उन्होंने उनके जैसे युवाओं को खेलने का मंच दिया है। इस मंच से सैकड़ों नही हज़ारों खिलाड़ी आने वाले समय में निकलेंगे जो देश दुनिया में भारत का नाम रोशन करेंगे।
मनु एक और बात बताती हैं कि उन्होंने 14 साल की उम्र में जब इस गेम को खेलना शुरू किया तो एयर पिस्टल का खेल बहुत ज्यादा पॉपुलर नहीं था, लेकिन अब यह बहुत ज्यादा पॉपुलर हो गया है। युवा इस खेल की ओर बहुत तेजी से आ रहे हैं। इसलिए जब मैंने इस खेल में आने के बारे में सोचा तो लगा की इसमें बहुत ज्यादा कम्पटीशन नहीं होगा लेकिन ऐसा नहीं है। इस गेम में भी बहुत ज्यादा कम्पटीशन है और सफल या आगे वही जाएगा जिसके खेल में दम होगा। इसलिए हर खिलाड़ी को अपना बेस्ट देने के लिए खूब मेहनत करनी पड़ती है। मेरा सपना भी ओलम्पिक पदक जीतना है।

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