पहलवानों ने नियम तोड़े तो धरना खत्म किया

दिल्ली पुलिस बोली- पहलवान किसी सही जगह पर करें प्रदर्शन
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
दिल्ली पुलिस ने पहलवानों का धरना खत्म कर दिया है और जंतर-मंतर से उनका सामान भी हटा दिया गया है। इसके बाद पुलिस की तरफ से कहा गया है कि अगर पहलवान किसी उचित जगह पर प्रदर्शन की अनुमति मांगते हैं तो उन्हें धरना देने की अनुमति दी जाएगी।
दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों का प्रदर्शन खत्म हो चुका है। भारत के शीर्ष पहलवान 36 दिन तक यहां धरने पर बैठे रहे। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में लिया और उनका सामान उठाकर जंतर मंतर का इलाका साफ कर दिया। इस घटना के बाद पुलिस ने कहा है कि पहलवान किसी उचित जगह पर प्रदर्शन की अनुमति मांगते हैं तो उन्हें धरना देने की अनुमति दी जाएगी।
क्या है मामला?
भारतीय पहलवान 18 जनवरी को पहली बार दिल्ली के जंतर मंतर में धरने पर बैठे थे। पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों के साथ बात की और 21 जनवरी के दिन धरना खत्म कर दिया गया। बृजभूषण को कुश्ती संघ के कामकाज से अलग कर दिया गया और उनके खिलाफ लगे आरोपों पर जांच के लिए समिति बना दी गई।
अप्रैल तक जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट जारी कर दी, लेकिन रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया। ऐसे में पहलवान 23 अप्रैल को फिर जंतर मंतर में धरने पर बैठ गए। पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। इसके बाद बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की। एक एफआईआर पाक्सो एक्ट के तहत दर्ज की गई। 
पहलवान बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे और प्रदर्शन जारी रखा। वहीं, बृजभूषण खुद को निर्दोष बताते रहे। 28 मई के दिन नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान पहलवानों ने मार्च करने की कोशिश की। तभी पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में ले लिया। जंतर मंतर से उनका सामान हटा दिया गया और रात तक सभी पहलवानों को छोड़ दिया गया। कई पहलवानों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई। अब दिल्ली पुलिस का कहना है कि पहलवान जंतर मंतर के अलावा किसी उचित जगह पर धरने की अनुमति मांगेंगे तो वह उन्हें मिलेगी, लेकिन वह इस स्थान पर प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं।

रिलेटेड पोस्ट्स