पीटी ऊषा को साक्षी-विनेश का करारा जवाब

कहा- वह महिला होकर भी हमारी बात नहीं सुन रहीं
अनुराग ठाकुर बोले- हम समझौता नहीं करेंगे
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय ओलम्पिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने पहलवानों के प्रदर्शन को अनुशासनहीनता करार दिया। इसके जवाब में पहलवान विनेश फोगाट ने कहा- अगर हम सड़क पर बैठे हैं तो हमारी कुछ मजबूरी रही होगी। चाहे खेल मंत्रालय हो या आईओए किसी ने हमारी नहीं सुनी तब हम जनता के सामने आए हैं कि हमारी कोई नहीं सुन रहा है। 
विनेश ने कहा कि वह पीटी ऊषा को खुद आइकन मानते थीं। मैंने उनको फोन भी किया था कि मैं अपना दर्द साझा कर सकूं पर उन्होंने फोन नहीं उठाया। हम तीन महीने से इंतजार कर रहे हैं। पीटी ऊषा ने पहलवानों के धरने पर निराशा जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि धरना देने से पहले पहलवानों को उनके पास आना चाहिए था और बातचीत करनी चाहिए थी। इस पर अब पहलवान साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने जवाब दिया है। 
पीटी ऊषा की बात सुनते ही साक्षी और विनेश रो पड़ीं। साक्षी ने कहा- ये सुनकर बहुत दुख हुआ क्योंकि एक महिला खिलाड़ी होकर भी वह महिला खिलाड़ियों की नहीं सुन रही हैं। हम बचपन से उनको फॉलो करते आए हैं। उनसे प्रेरित भी हुए हैं कि उन्होंने देश के लिए इतना अच्छा किया है। हमने कहां अनुशासनहीनता कर दी? हम तो शांति से यहां बैठे हैं। अगर हमारी सुनवाई हो जाती तो हम यहां बैठते भी नहीं। तीन महीने इंतजार करने के बाद हम यहां बैठे हैं।
पीटी ऊषा के बयान पर बजरंग पूनिया ने निराशा जाहिर की है। उन्होंने कहा "हमें आईओए अध्यक्ष पीटी ऊषा से ऐसे कड़े जवाब की अपेक्षा नहीं थी, हमें उम्मीद थी कि वह हमारा साथ देंगी।" भारतीय ओलम्पिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने आईओए की कार्यकारी समिति की बैठक के बाद कहा,‘‘पहलवानों का सड़क पर प्रदर्शन करना अनुशासनहीनता है। इससे भारत की छवि खराब हो रही है।’’ आईओए ने कुश्ती महासंघ के कामकाज के संचालन के लिये चुनाव होने तक एक तदर्थ समिति का गठन किया है, जिसमें पूर्व निशानेबाज सुमा शिरूर, भारतीय वुशू संघ के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बाजवा और उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत न्यायाधीश हैं, जिनका नाम अभी तय नहीं हुआ है।
केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों को लेकर कहा कि कुछ खिलाड़ी अगर आज जंतर-मंतर पर बैठे हैं उनके साथ किसने बात की? मैं 12 घंटे उनके साथ बैठा। मैंने उनकी बात सुनी, कमेटी बनाई, हम निष्पक्ष जांच चाहते थे। इनके कहने पर बबीता फोगाट को कमेटी में शामिल किया गया। हर किसी को अपनी बात रखने का मौका दिया गया। किसी भी थाने में कोई भी एफआईआर दर्ज करवा सकता है। पुलिस ने कहा कि प्राथमिक जांच के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे। मोदी सरकार हमेशा खिलाड़ियों के साथ खड़ी रही है। हमारे लिए खेल प्राथमिकता है, जिसके साथ हम कोई समझौता नहीं करेंगे।
जनवरी में पहलवानों ने पहली बार कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन किया था। पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर में धरने पर बैठे थे। पहलवानों कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर मनमाने तरीके से संघ चलाने और कई महिला पहलवानों का यौन शोषण करने के आरोप लगाए थे। इसके बाद बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ के कामकाज को दूर कर दिया गया और उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए समिति बना दी गई। इस समिति ने पांच अप्रैल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी, लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया गया। इसके बाद पहलवानों ने रविवार (23 अप्रैल) को फिर से दिल्ली के जंतर-मंतर में प्रदर्शन शुरू कर दिया। 
जांच समिति की सदस्य रहीं बबीता फोगाट ने समिति की रिपोर्ट से असहमति जताई है और एक सदस्य पर बदसलूकी के आरोप भी लगाए हैं। वहीं, पहलवान ने राजनीतिक दलों से भी समर्थन मांगा है और उन्हें कई राजनेताओं का समर्थन मिल रहा है। इस बीच बृजभूषण सिंह ने खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए पूरी ताकत लगाने के संकेत दिए हैं। 

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