विराट कोहली और सुनील छेत्री ने कही बड़ी बात

कहा- खेल और फिटनेस पर जोर देना जरूरी
इसे अहम विषय का दर्जा मिले
खेलपथ संवाद
बेंगलूरु।
भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज और पूर्व कप्तान विराट कोहली और भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री का मानना है कि खेल और फिटनेस को बड़े स्तर प्राथमिकता दी जानी चाहिए। साथ ही देश के विकास के लिए शैक्षिणिक संस्थानों में एक प्रमुख विषय के तौर पर शामिल किया जाना चाहिए।  
कोहली और छेत्री ने एक स्पोर्ट्स ब्रांड के कार्यक्रम में यह बात कही। इस दौरान कोहली और छेत्री ने अपने पुराने दिनों को याद किया। दोनों दिग्गजों ने अपनी कहानी भी सुनाई, जो उन लोगों को फिटनेस के लिए प्रेरित करेगी। अपने अनुशासन और फिटनेस के जुनून के साथ लाखों लोगों के लिए एक प्रेरणा बनने वाले कोहली ने जीवन में सफल होने के लिए देश के बच्चों और बड़ों को एक मजबूत खेल संस्कृति अपनाने की जरूरत बताई।  
विराट कोहली ने कहा, “खेल और फिटनेस हमेशा मेरे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा रहे हैं और एक क्रिकेटर के रूप में मेरे करियर ने मेरे व्यक्तित्व को भावनात्मक सकारात्मक आकार दिया है। हमें विश्वास है कि आज इस मंच पर खेल पेशेवरों के रूप में साझा की गई हमारी यात्रा देश को फिटनेस को जीवन का एक तरीका बनाने के लिए प्रेरित करेगी। हमने लोगों के साथ जुड़ने के अवसरों को अधिक सक्रिय बनाने, एक संपन्न खेल संस्कृति के महत्व को रेखांकित करने और एक फिट भारत के विकास में योगदान करने के तरीके खोजने के लिए एक संकल्प लिया है।” 
कोहली ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा, “गणित को छोड़कर, मैं पढ़ाई में काफी अच्छा था। मैं सिर्फ गणित नहीं समझ सका। मुझे डर लग रहा है। मैं अपनी बेटी को कुछ कैसे सिखाऊंगा? उसने मुझसे कुछ सवाल पूछे और वह वास्तव में मुझे डराता है। मेरे पास गणित करने के लिए पर्याप्त समय नहीं था। लेकिन जब मैंने इस पर ध्यान दिया तो मैं काफी अच्छा था। इसलिए, मुझे स्कूल में कभी परेशानी नहीं हुई, कभी क्लास बंक नहीं की।”
भारत के सबसे अनुभवी फुटबॉलर और भारतीय टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने कहा, “भारत एक विशाल देश है और यह वैश्विक खेल महाशक्ति बनने की असीम क्षमता रखता है। हालांकि, ऐसा होने के लिए हमें खेल और फिटनेस में जमीनी स्तर से भागीदारी को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इसे एक शौक के रूप में सीमित करने के बजाय इसे दैनिक जीवन की एक आवश्यक आदत के रूप में लेना चाहिए। खेल दुनिया भर में लाखों लोगों को शक्तिशाली तरीके से प्रभावित करता है। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे खेल और फिटनेस को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं। ” 
एक रिपोर्ट के अनुसार केवल 20 फीसदी शहरी भारतीय ही सप्ताह में 150 मिनट या उससे अधिक शारीरिक व्यायाम करते हैं। वहीं, बच्चे हर सप्ताह अपनी फिटनेस के लिए केवल 86 मिनट देते हैं, जबकि बच्चों को हर सप्ताह कम से कम 420 मिनट अपनी फिटनेस पर खर्च करने चाहिए। 

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