नकारात्मकता छोड़ने से ही मिली सफलताः लवलीना

विश्व चैम्पियन बनने के लिए अपनाया था यह खास फॉर्मूला
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के 75 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाली लवलीना बोरगोहेन का कहना है कि टोक्यो ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने के बाद उनके लिए कुछ टूर्नामेंट अच्छे नहीं रहे थे, लेकिन उन्होंने इस दौरान खुद को नकारात्मकता से दूर रखा, जिससे उन्हें चैम्पियन बनने में मदद मिली। 
सवाल: आपने टोक्यो ओलम्पिक में कांस्य पदक जीता था और अब विश्व चैम्पियन बनकर उभरीं। टोक्यो 2020 के बाद से लेकर विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतने का सफर कैसा रहा? 
जवाब:- बहुत अच्छा लग रहा है। टोक्यो ओलम्पिक में पदक जीतने के बाद कुछ समय तक मेरे लिए चीजें अच्छी नहीं रही थीं। मेरा वजन वर्ग भी बदला। मैंने हालांकि एशियन चैम्पियनशिप और अब विश्व चैम्पियनशिप में जीत दर्ज की। काफी मुश्किलें आईं और मैंने संयम बनाए रखा तथा अपना पूरा ध्यान सिर्फ मुक्केबाजी पर केंद्रित रखा। खुद को नकारात्मकता से दूर रखा, इसलिए विश्व चैम्पियन बन पाई। सभी लोगों का समर्थन रहा, जिस कारण मैं यह उपलब्धि हासिल कर सकी।
सवाल: फाइनल मुकाबले के लिए आपने क्या रणनीति बनाई थी और यह मैच आपके लिए कितना कठिन रहा?
जवाब: फाइनल में थोड़ी दबाव में थी क्योंकि हम चार महिलाएं फाइनल में पहुंचे थे जिसमें से तीन ने स्वर्ण जीत लिया था। इस कारण थोड़ा दबाव था और मेरी प्रतिद्वंद्वी भी मजबूत खिलाड़ी थी। वैसे तो मैंने हर बाउट को फाइनल की तरह लिया था, लेकिन फाइनल थोड़ा अलग था। सभी लोग मेरा समर्थन कर रहे थे जिससे मैं प्रेरित हो रही थी। मैंने अपना 100 प्रतिशत दिया और जैसी रणनीति बनाई थी वैसा ही प्रदर्शन किया।
सवाल: आपके अलावा तीन और महिलाओं ने स्वर्ण जीता। निकहत ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। इसे किस तरह देखती हैं?
जवाब: भारत ने चार स्वर्ण पदक जीते जिससे हम नंबर एक भी बन सकते हैं। यह प्रदर्शन दर्शाता है कि देश में मुक्केबाजी में कितना सुधार हुआ है। इससे आने वाले ओलम्पिक में मैं स्वर्ण जीतने की आशा कर सकती हूं। इस बार एक नहीं सभी भार वर्गों में पदक लाने की हमारी कोशिश रहेगी। सरकार, भारतीय मुक्केबाजी महासंघ, टॉप्स का इतना समर्थन मिल रहा है, जिससे हम इस तरह का प्रदर्शन कर पा रहे हैं।
सवाल: आप और निकहत एशियाई खेलों के लिए क्वालीफाई कर चुकी हैं जो पेरिस ओलम्पिक का क्वालीफायर भी है। इसके लिए आपकी क्या तैयारियां होंगी?
जवाब: मैं और निकहत एशियाई खेलों के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं और हमारा ध्यान अब उसी पर रहेगा। ओलम्पिक क्वालीफिकेशन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण रहेगा और हमारी कोशिश पहले क्वालीफिकेशन में ही ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करने की होगी।

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